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पोषण के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिये छठ घाटों पर संचालित होगा विशेष अभियान

सभी छठ घाटों पर जन जागरूकता व व्यवहार परिवर्तन से जुड़े संदेश किये जायेंगे प्रदर्शित

कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों को अपनाने के लिये भी लोगों को करेंगे प्रेरित

अररिया(बिहार)कुपोषण से जारी लड़ाई में जन जागरूकता निर्णायक हथियार है. पोषण के प्रति सही जानकारी व जागरूकता ही इससे बचाव का बेहतर व आसान जरिया है. लिहाजा आईसीडीएस व जिला स्वास्थ्य विभाग पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने व इससे जुड़े लोगों के व्यवहार में बदलाव को लेकर लगातार तरह-तरह के अभियान का संचालन कर रही है. जन जागरूकता को लेकर संचालित इस अभियान का सिलसिला छठ महापर्व के दौरान भी जारी रहेगा. इसे लेकर आईसीडीएस निदेशक के माध्यम से जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किये गये हैं. इसे अमलीजामा पहनाने की विभागीय कार्रवाई जिले में शुरू हो चुकी है.

महापर्व के दौरान जागरूकता से संबंधी होगी नयी पहल:

वैश्विक महामारी काल में त्योहारों के दौरान शुरू से ही विशेष सतर्कता व सावधानी पर जोर दिया जा रहा है. लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर भी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इस बार छठ महापर्व के दौरान समाज कल्याण मंत्रालय पोषण के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अपनी नयी पहल पर अमल कर रहा है. इसकी जानकारी देते आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान ने कहा कि छठ घाटों पर बड़ी संख्या में जुटने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को पोषण से संबंधित सही व जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने की तैयारियां चल रही है. इसे लेकर विभागीय तौर पर जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं. इसमें महापर्व छठ के दौरान जन जागरूकता व व्यवहारगत परिवर्तन लाने के उद्देश्य से पोषण संबंधी संदेशों को ज्यादा से ज्यादा प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है. अभियान को सफल बनाने में केयर इंडिया, यूनिसेफ, पीरामल फाउंडेशन सहित अन्य सहयोगी संस्थाओं की जरूरी मदद ली जायेगी.

बैनर-पोस्टर व चित्रात्मक संदेशों का होगा सार्वजनिक प्रदर्शन:

जागरूकता अभियान से संबंधित जानकारी देते हुए आईसीडीएस डीपीओ सीमा रहमान ने कहा कि छठ घाटों पर चित्रात्मक रंगीन संदेश बैनर-फैलक्स व पोस्टर के माध्यम से प्रदर्शित किये जायेंगे. बैनर व पोस्टरों का प्रदर्शन ऐसे जगहों पर किया जायेगा. जहां अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें. घाटों पर बनने वाले तोरण द्वार, अस्थायी सुरक्षा दीवार, छठ व्रतियों के लिये बनने वाले स्नान ग्रृह, पूजा समितियों द्वारा लगाये जाने वाले स्टॉल, फल व अन्य पूजन सामाग्री से जुड़ी दुकानों पर इसे प्रदर्शित किया जायेगा. डीपीओ ने कहा कि इस दौरान जगह-जगह कोरोना से बचाव व इससे सुरक्षा को लेकर जरूरी जानकारियों का प्रदर्शन भी फैलक्स, बैनर व पोस्टरों के माध्यम से किया जायेगा. इस संबंध में जरूरी दिशा निर्देश सभी सीडीपीओ को जारी किये गये हैं.

गर्भवती महिला व नवजात दोनों के लिये उचित पोषण जरूरी:

पोषण अभियान के जिला समन्वयक कुणाल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उचित पोषण गर्भवती महिलाएं व नवजात शिशु दोनों के लिये बेहद जरूरी है. मां का दूध नवजात के लिये किसी अमृत की तरह होता है. जन्म के एक घंटे बाद से नवजात को इसका सेवन शुरू करा दिया जाना चाहिये. दिन में 4-5 बार बार नवजात को इसका सेवन कराने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. इससे बच्चों को मौसमी बीमारी सहित कई तरह के एलर्जिक रोगों से छुटकारा मिलता है. उन्होंने कहा कि छह माह बाद बच्चों का ऊपरी आहार देना शुरू कर देना चाहिये. गर्भवती महिलाएं कुपोषण से अपना बचाव के लिेय हरी साग सब्जी का अधिक से अधिक प्रयोग करें. नियमित रूप से आयरन की एक गोली का सेवन करना विशेष लाभकारी है.
संक्रमण के खतरों से बचाव के लिये करें ये उपाय:

नियमित रूप से मास्क का उपयोग करें
थोड़े थोड़े समयांतराल बाद अपने हाथों की सफाई करें
हाथों की सफाई के लिये साबुन व अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का करें प्रयोग
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचे
लोगों से मेल मिलाप के वक्त शारीरिक दूर का रखें ध्यान
सार्वजनिक जगहों पर धूकने से करें परहेज