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दौलतमंदों को चाहिए कि जरूरतमंदों की सेवा करें : हाजी नसीम

जरूरतमंदों के बीच कंबल का किया गया वितरण

हाजीपुर(वैशाली)जरुरत मंदों की मदद करने से बढ़ कर और कुछ भी पुण्य का काम नहीं है और जब ये काम बिना स्वार्थ के हो तो इससे बेहतर मानवता का कोई और उदाहरण भी नहीं है।इसीलिए कि जरुरत मंदों की सेवा करने से आत्मा को शांति मिलती है और मन भी संतुष्ट होता है।गीता,रामायण और कुरान के कथनानुसार धर्म का असल अर्थ यह है कि अगर आपको भगवान ने धन दिया है तो सबसे पहले गरीबों, लाचारों,नि:सहाय की सेवा समय अनुसार करनी चाहिए ताकि उन की जीवन भी बच सके और कुछ पल के लिए ही सही ग़रीब और नि:सहाय भी आनंदित हो सके।यह बातें समाज सेवी अलहाज नसीम अहमद चिश्ती खुशहाली उस्मानी और उनकी पत्नी अलहाज आज़मा खातून एवं उनके बड़े पुत्र अलहाज मोहम्मद शाहिद अंसारी गाज़ीपुर प्रखंड राजापाकर वैशाली ने पत्रकारों को उस वक्त कहा जब अपने निवास स्थान गाज़ीपुर के उफरौल पंचायत के 13 वार्डों के गरीब,मजदूर,लाचार और विधवा महिलाओं को कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कम्बल अपने हाथों से वितरण कर रहे थे।इस मौका से उफरौल गाजीपुर पंचायत के मुखिया राजीव पटेल,मोहम्मद जाहिद,मोहम्मद निजाम,मोहम्मद बिलाल अंसारी,मोहम्मद शकील अंसारी,शमशुल हक,मोहम्मद अयाज, पूर्व सरपंच सकलदेव सिंह,लोजपा प्रखंड अध्यक्ष योगेंद्र सिंह,सेवानिवृत्त शिक्षक भुनेश्वर प्रसाद सिंह,सिताब लाल राय,प्रवीण कुमार,पत्रकार मनोहर कुमार,पत्रकार एवं कवि एजाज आदिल शाहपुरी,हसरत बरकाती उपस्थित थे।सभा का संचालन सरपंच पति पारसनाथ सिंह ने किया।जबकि सभा की अध्यक्षता श्री हाजी नसीम अहमद चिश्ती खुशहाली उस्मानी ने की।सभा की समाप्ति के पश्चात आए हुए ग्रामीण अतिथि ने हाजी साहब को धन्यवाद ज्ञापन किया और सामूहिक रूप से कहा कि हाजी साहब जैसे हर समाज में होना चाहिए।क्योंकि हम सब ने दो दिन पहले इनको आकर कहा और इन्होंने बात को स्वीकार करते हुए गरीबों को मदद करने का काम किया।हम सब भगवान से प्रार्थना करते हैं की हाजी नसीम साहब को और उनके समस्त परिवार को लंबी आयु दे एवं इस तरह के कार्य करने का हृदय में जज्बा बना रहे।