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गुरुकुल परम्परा के पोषक स्वामी श्रद्धानन्द का जीवन प्रेरणा का स्रोत- कुलपति

महेन्द्रगढ़ हरियाणा

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में वीरवार को स्वतंत्रता सेनानी व भारत में गुरुकुल परम्परा के पोषक स्वामी श्रद्धानन्द की पुण्यतिथि पर यज्ञ का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ के प्रयासों से योग व संस्कृत विभाग के सहयोग से आयोजित इस यज्ञ में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा सहित शिक्षकों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर कुलपति ने स्वामी श्रद्धानन्द के जीवन को विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया और कहा कि आजादी की लड़ाई में उनका योगदान अविस्मरणीय रहा है।

कुलपति ने इस अवसर पर देश में गुरुकुल परम्परा की पुनः स्थापना करने वाले स्वामी श्रद्धानन्द को नमन किया और विद्यार्थियों को उनके जीवन से सीख लेते हुए देश प्रेम का भाव विकसित करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर स्वामी दयानन्द सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने बताया कि किस तरह से स्वामी श्रद्धानंद सन् 1902 में गुरुकुल कांगडी की स्थापना कर भारत में गुरुकुल परम्परा की पुनः शुरूआत की थी। प्रो. रणवीर सिंह ने इस मौके पर स्वामी श्रद्धानन्द के आजादी की लड़ाई में योगदान से भी प्रतिभागियों को अवगत कराया। विश्वविद्यालय में आयोजित इस यज्ञ में विभागीय शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक व शोधार्थी भी सम्मिलित हुए।