Home

कोरोना के खिलाफ यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि लेकिन सावधानी और सतर्कता जरूरी

संक्रमण से बचाव के लिए अभी भी जरूरत के हिसाब से नियमों का पालना करना होगा: सीएस
संक्रमण काल के दौरान बुजुर्ग व्यक्तियों पर ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत: सिविल सर्जन
संक्रमण दर में सुधार का सबसे बड़ा कारण टीकाकरण: डीपीएम

पूर्णिया(बिहार)ज़िले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश व देश से धीरे-धीरे कोरोना वायरस को जड़ से मिटाने व भगाने में हमलोग कामयाब हो रहे हैं। वहीं जिले में संक्रमण दर में भी काफ़ी कमी आई है। इसको लेकर स्थानीय ज़िला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन के नियमों में भी ढील बरती जा रही है। क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनलॉक-4 के तहत राज्य के दुकानों-बाज़ारों के खुले रहने की संमय सीमा पर से भी पाबंदी हटाने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि अब शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में पहले की तरह अब सब कुछ सामान्य होते जा रहा है। जबकिं कोरोना के खिलाफ यह हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन सावधानी और सतर्कता अभी भी जरूरी है।

संक्रमण से बचाव के लिए अभी भी जरूरत के हिसाब से नियमों का पालना करना होगा: सीएस
सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने कहा संक्रमण से बचाव के लिए जितने भी नियम लागू किया गया था उसको अभी भी जरूरत के हिसाब पालना करना होगा। सबसे पहले तो हमें कोरोना से बचने की हर संभव कोशिश करने की आवश्यकता है। भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से पहले अनिवार्य रूप से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना एवं इसके साथ ही अपने हाथों को हर आधा घन्टा के अंतराल पर रगड़-रगड़ धोते रहना अपनी आदतों में शुमार करना होगा। सिविल सर्जन ने यह भी कहा कार्य स्थल या घर से बाहर जाते समय अपने आसपास किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण जैसी कोई लक्षण दिखे तो तुरंत उसको कोविड-19 जांच कराने के लिए नजदीकी अस्पताल भेजने के लिए प्रेरित करें। अगर वह संक्रमित पाया जाता है तो अस्पताल या होम आइसोलेशन का सहारा लेने के लिए सलाह देने के साथ ही दवा सहित काढ़ा पीने के लिए सलाह दें।

संक्रमण काल के दौरान बुजुर्ग व्यक्तियों पर ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. एसके वर्मा ने बताया अनलॉक-4 के तहत छूट मिलने का मतलब यह नहीं हुआ की हम अपनी आदतों को दरकिनार करते हुए पूरी तरह से लापरवाह हो जाएं। बल्कि कोरोना संक्रमण काल के दिनों को याद करते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमें यह भी याद रखना है कि कठिन परिश्रम व काफ़ी मुश्किलों के बाद हमलोग कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सफल हुए हैं। इसलिए कोरोना सुरक्षा मानकों की जरूरतों के मुताबिक अपने सगे संबंधियों व पड़ोसी लोगों को भी टीकाकरण के प्रति प्रेरित करें, ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके। भीड़-भाड़ वाली जगहों में शारीरिक दूरी बनाये रखना, अपने चेहरे को मास्क से ढंकने की आदत डालना बेहद जरूरी है। नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन से धोते रहना और अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग करते रहें। कोरोना संक्रमण काल के दौरान 59 आयुवर्ग से ऊपर के व्यक्तियों को जिन्हें पहले से मधुमेह, किडनी में दिक्कत, लिवर या फेंफड़ों में संक्रमण सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित बुजुर्गों को सबसे ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है। इसलिए इस 50 वर्ष से ऊपर के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए परिजनों के द्वारा पूरा ध्यान रखना चाहिए।

संक्रमण दर में सुधार का सबसे बड़ा कारण टीकाकरण: डीपीएम
ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया ज़िले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन कोविड-19 जांच के लिए एंटीजन किट व आरटी-पीसीआर से जांच करायी जा रही हैहैं। मंगलवार को एंटीजन किट से 175650 जांच की गयी जबकिं आरटी-पीसीआर से 1007 जांच हुई है। जिसमें मात्र पूर्णिया पूर्व पीएचसी व जलालगढ़ पीएचसी में एक-एक संक्रमित मरीज़ पाए गए। उनके अनुसार संक्रमण दर में सुधार का सबसे बड़ा कारण टीकाकरण को जाता है। क्योंकि टीकाकरण ही एक मात्र उपाय हैं। जिसके द्वारा शरीर को कोरोना के प्रभाव से बचाया जा सकता है। हालांकि टीकाकरण के बाद भी कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि संक्रमित व्यक्ति में सामान्य होम आइसोलेशन या हल्के इलाज से ठीक होने की संभावना काफ़ी ज्यादा बढ़ जाती है ।