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जुलाई तक बथनाहा से नेपाल स्थित कस्टम यार्ड तक ट्रेनों को चलाई जाएगी

अररिया(बिहार)जुलाई तक बिहार-नेपाल के बीच चलेंगी ट्रेनें,अधिकारियों के साथ डीआरएम ने किया रेल खंडों का निरीक्षण; यात्रियों को मिलेगी यह चीजें
रविवार को एनएफ रेलवे कटिहार मंडल के डीआरएम कर्नल एसके चौधरी ने अधिकारियों के साथ फारबिसगंज-सहरसा निर्माणाधीन रेलखंड व बथनाहा-विराटनगर इंडो नेपाल निर्माणाधीन रेलखंड का निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों रेलखंडों पर जुलाई तक ट्रेनों के चलने की बात कही। जोगबनी से कोलकाता के बीच चलने वाली चित्तपुर एक्सप्रेस एवं आनंद विहार दिल्ली को चलने वाली सीमांचल एक्सप्रेस में अब चादर व कंबल सहित अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। 

उन्होंने यह भी कहा कि सीमांचल ट्रेन में फिलहाल 22 बोगी चल रही है जो अच्छी बात है। निरीक्षण के दौरान ही डीआरएम ने कई मामलों पर अधिकारियों से बातचीत की तथा दोनों रेलखंडों पर ट्रेन चालू होने के सवाल पर विचार किया। डीआरएम ने सबसे पहले बथनाहा से बिराटनगर तक बनने वाले इंडो-नेपाल रेल योजना का जायजा लिया। इसके बाद फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर फारबिसगंज-सहरसा के बीच निर्माणाधीन बड़ी रेल लाइन का निरीक्षण किया। 

एनएफ रेलवे द्वारा करायो जा रहे कार्यों की गुणवत्ता की भी जांच की।इसके उपरांत फारबिसगंज स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में डीआरएम ने मीडिया से कहा कि आगामी जुलाई तक फारबिसगंज-सहरसा रेल लाइन सहित इंडो-नेपाल रेल योजना के तहत बथनाहा से विराटनगर तक ट्रेनें चलने की पूरी संभावना है। डीआरएम ने कहा कि नेपाल में कुछ भूमि अधिग्रहण का मामला फंसा हुआ है लेकिन बथनाहा से नेपाल कस्टम यार्ड तक रेल लाइन बनकर तैयार है। इसकी कई बार जांच की जा चुकी है। जुलाई तक बथनाहा से नेपाल स्थित कस्टम यार्ड तक ट्रेनों को चलाई जाएगी। कहा कि निर्माणाधीन रेल खंड के काम में काफी तेजी लाया जा रहा है।  

सुरक्षा को लेकर मीरगंज पुल के एप्रूवल में फंसा है पेंच 
एक सवाल के जवाब में डीआरएम ने कहा की मीरगंज पुल का सुरक्षा एप्रूवल नहीं मिल पाया है।सुरक्षा अप्रूवल सिविल एविएशन का मामला है और जब तक सुरक्षा में संशय रहेगा तब तक एनओसी मिलना मुश्किल है। क्योंकि पुल का 50 से 100 साल तक की आयु का आकलन किया जाता है। संतुष्टि मिलने के बाद ही एनओसी मिलेगा।