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मधेपुरा में 20 लाख के करीब पहुंचा टीकाकरण का आंकड़ा:

लगभग 11.30 लाख लोगों को लगी पहली डोज:
दोनों डोज लेने वालों का आंकड़ा करीब 8 लाख:
करीब 4 हजार लोगों ने लगवायी है प्रीकॉशन डोज:
स्वच्छता एवं साफ़-सफाई वर्तमान समय की माँग : सिविल सर्जन

मधेपुरा(बिहार)जिले में टीकाकरण का आंकड़ा 20 लाख के करीब पहुंच गया है। यहां करीब 11 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों को पहली डोज लग चुकी है। वहीं लगभग 8 लाख लोगों को दोनों डोज लग चुकी है। पोर्टल के अनुसार गुरुवार दोपहर तक मधेपुरा जिले में 9,08,392 पुरुषों व 10,14,145 महिलाओं को इन डोज का फायदा मिला। इसमें 18,78,666 को कोविशील्ड तथा लगभग 48 हजार को कोवैक्सीन की डोज लगाई गई है। वहीं 3597 लोगों को प्रीकॉशन डोज लगाई जा चुकी है। सभी आंकड़े कोविन पोर्टल की गई प्रविष्टि के अनुसार हैं।

गुरुवार को जिले के 326 केंद्रों पर हुए वैक्सीनेशन:
गुरुवार को जिले के 326 सत्र स्थलों पर वैक्सीनेशन का कार्य जारी रहा । अभियान में शाम 5 बजे तक लगभग 5 हजार लोगों को कोविड-19 टीके की डोज लगायी गयी। ज्ञात हो कि 10 जनवरी से जिले के स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन कर्मी, भी गंभीर रोग से ग्रसित 60 साल के ऊपर के बुजुर्ग को प्रीकाॅशन यानी बूस्टर डोज लगायी जा रही है। साथ ही सरकारी कार्यालय एवम् पुलिस विभाग में काम करने वाले पदाधिकारी कर्मचारियों के लिए भी बूस्टर डोज लगाने के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया जा रहा । पात्र लाभुकों के अन्य समूहों जैसे 15 से 17 वर्ष के किशोरों एवम् पहली तथा दूसरी डोज के ड्यू लाभुकों का टीकाकरण भी जिले में जारी है।

वैरिएंट से सुरक्षा के लिए वैक्सीन व मास्क का उपयोग ही मजबूत सुरक्षा कवच:
जिले के सिविल सर्जन डॉ अमरेन्द्र नारायण शाही ने कहा कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन से बचाव की दिशा में स्वास्थ्य विभाग एवम् जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन हर पहलू पर पूरा फोकस रखते हुए सुरक्षात्मक कदम उठा रहा है। लोगों को भी सहयोग करना चाहिए। मास्क के उपयोग के साथ साथ कोविड अनुरूप व्यव्हार का पालन लगातार करते रहना चाहिए। कोरोना से सुरक्षा के लिए वैक्सीन एवम् मास्क ही सुरक्षा कवच है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना के लक्षण होने पर जांच जरूर कराएं तथा डॉक्टर से परामर्श लेकर जरूरी दवाओं का सेवन करें।

स्वच्छता एवं साफ़-सफाई वर्तमान समय की माँग:
सिविल सर्जन डॉ शाही ने बताया कि वर्तमान समय में स्वच्छता एवं साफ़-सफाई अनिवार्य है। इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने में सहयोग मिलेगा। साथ ही दूसरे संक्रामक रोगों से भी निजात मिलेगी। उन्होंने बताया कि बच्चों में डायरिया दूषित पानी एवं हाथों की साफ़-सफाई की कमी के कारण ही होते हैं। इसको लेकर आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान हाथों की सफाई के बारे में जानकारी भी देती है। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर यह अपील भी की कि लोग घर से निकलने से पहले मास्क का प्रयोग करें एवं जिन्होंने टीका नहीं लिया वह जरूर टीका लें। साथ ही 15 से 18 आयुवर्ग के युवा भी ख़ुद को टीकाकृत कर लें।