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हमने टीका लगाकर परिवार, समाज व देश के प्रति निभाई हैं अपनी जिम्मेदारी

  • जिले में कोरोना का टीका लगाने वाली पहली महिला एएनएम लवली कुमारी ने कही यह बात
  • अब घबराने की नहीं टीका लगाने की है बारी, परिवार व समाज की सुरक्षा के लिये जरूरी है टीकाकरण

अररिया(बिहार)कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट ने मानव जीवन को गहरे घाव दिये हैं।महामारी के कारण जहां एक तरफ पूरे देश में गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा हो गया। तो इसके कारण हमें भय, निराशा, हमेशा अनिष्ट की आशंका जैसी अनेक मानसिक समस्या व विपरित परिस्थितियों का सामना करने के लिये मजबूर होना पड़ा है। हालांकि हमने अपने धैर्य, संयम व विवेक के दम पर अब तक कोरोना को कड़ी चुनौती दी है।और अब इन चुनौतियों पर पूरी तरह मुक्कमल फतह पाने की बारी है।इसके लिये कोरोना वैक्सीन के रूप में हमारे पास कारगर हथियार उपलब्ध हो चुका है।इसलिये अब कोरोना हारेगा भी और देश से भागेगा भी। टीका लगाने के बाद अपना उत्साह जाहिर करते हुए एएनएम लवली कुमारी ने उक्त बातें कही। शनिवार को जिले में कोरोना का टीका लगाने वाली पहली महिला एएनएम लवली कुमारी ने कहा कि कोरोना का टीका लगा कर अपने परिवार, समाज व देश के प्रति हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है।उन्होंने आम लोगों से बढ़-चढ़ कर इस टीकाकरण अभियान में भाग लेने की अपील की।
लंबे समय से था टीका के आने का इंतजार:
टीकाकरण के पश्चात अपना उत्साह जाहिर करते हुए एएनएम लवली कुमारी ने कहा कि उन्हें इस दिन का लंबे समय से इंतजार था। उन्होंने कहा कि महिला किसी भी परिवार का आधार स्तंभ होती हैं। जब तक वे स्वस्थ व सुरक्षित नहीं होंगी तब तक परिवार के अन्य सदस्यों का बेहतर देखभाल संभव नहीं हो सकता है। इसलिये उन्होंने उत्साहित मन से टीका लगाने का निर्णय लिया।उन्होंने कहा कि प्रतिक्षालय में एक बार जब उपलब्ध डाटा से उनके नाम का मिलाप नहीं हो पा रहा था, नाम नहीं मिलने पर प्रतिनियुक्त कर्मी ने तो उन्हें वापस जाने के लिये भी कह दिया था।इससे उन्हें थोड़ी बहुत निराशा हुई। लेकिन इसके बाद उन्होंने खुद से सूची में अपना नाम तलाशने का निर्णय लिया। सूची में अपना नाम मिलते ही उनके चेहरे की खुशी लौट आयी। वह किरण कहती हैं है कि देश के वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से बहुत कम समय में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता आम लोगों के लिये सुनिश्चित हो पायी या है।स्वास्थ्य कर्मी होने के नाते प्रथम चरण में उन्हें वैक्सीन लेने का अवसर मिला।आखिर वे इस महत्पूर्ण अवसर को खोना क्यों चाहेगी।उन्होंने कहा कि टीका लगाकर हमने अपने परिवार, समाज व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है। अब आम लोगों से भी इसमें हर संभव सहयोग की अपील करती हूं।ताकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में हम मुक्कमल फतह हासिल कर सकें।
कोरोना का पहला टीका लगाने पर जताया उत्साह:
जिले में कोरोना का टीका लगाने वाले पहले व्यक्ति सदर अस्पताल के सफाई कर्मी संतोष मल्लिक ने कहा कि उन्हें जानकारी इस बात की थी कि उनको भी टीका लगाया जायेगा।लेकिन सुबह टीकाकरण सत्र आरंभ होने से पहले जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने पहला टीका के लिये उनका नाम सुझाया तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। संतोष ने बताया कि वे टीका लगाने के लिये तुरंत तैयार हो गये।आखिर इस वैश्विक महामारी से कौन अपना बचाव नहीं चाहेगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल के सफाई कार्यों के दौरान उन्हें हर दिन सैकड़ों लोगों के संपर्क में आना होता है।ऐसे में अपने साथ-साथ परिवार के लोग भी सेहत संबंधी चिंताओं को लेकर परेशान रहते हैं। उन्होंने भरोसा जाहिर करते हुए कहा कि टीका का दूसरा डोज लेने के 15 दिन बाद उन्हें इस महामारी के खतरे से पूरी तरह निजात मिल जायेगी।इससे वे ज्यादा सक्रिय होकर अपने कार्य व दायित्वों का निवर्हन कर सकेंगे।कोरोना टीका का तीसरा डोज लेने वाले सदर अस्पताल के चतुर्थवर्गीय कर्मी धीरेंद्र कुमार यादव भी टीकाकरण के पश्चात बेहद उत्साहित नजर आये। उन्होंने कहा कि लंबे इंतजार के बाद कई प्रक्रियाओं से गुजरते हुए कोरोना का टीका आम लोगों के लिये उपलब्ध हो पाया है।ऐसे में टीका लगाने से किसी को क्या परहेज हो सकता है। वो भी तब जब कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये टीकाकरण ही एक मात्र जरिया हो।