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कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई में जागरूकता को बनाया हमने अपना हथियार

  • शुरूआती दौर से ही ओमप्रकाश संक्रमण से बचाव को लेकर करते रहे लोगों को जागरूक
  • जागरूकता को अपने कार्यव्यवहार में शामिल किये जाने से हासिल हुआ लोगों का विश्वास

अररिया(बिहार)वैश्विक महामारी के दौर में संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रति लोगों की जागरूकता अब तक कारगर हथियार साबित हुआ है. फिलहाल कोरोना का टीका बन कर तैयार हो चुका है. लेकिन आम जनमानस को टीकाकृत किया जाना आज भी मुश्किल लक्ष्य प्रतीत हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम इसे लेकर मुस्तैदी से जुटा है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही टीकाकरण का पहला चरण जिले में शुरू हो सकता है. लेकिन जब तक शत प्रतिशत लोग इसके दायरे में नहीं आ जाते हैं. तब तक संक्रमण से बचाव का जागरूकता ही एक मात्र जरिया लोगों के पास उपलब्ध है. वैसे कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने महामारी के शुरूआती दौर से ही जागरूकता को अपना हथियार बना कर कोरोना को अब तक करारी शिकस्त देने में कामयाब रहे हैं. ऐसे ही लोगों में शहर के ओमनगर वार्ड आठ संख्या निवासी ओमप्रकाश ठाकुर का नाम भी शामिल है. शहर में जेन्स हेयर कटिंग सैलुन का संचालन करने वाले ओमप्रकाश शुरू से ही कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों का सख्ती पूर्वक अनुपालन करते रहे हैं. इतना ही नहीं इसे लेकर आम लोगों को जागरूक करने के कार्य में भी उनकी भूमिका अब तक बेहद महत्वपूर्ण रही है.

संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों पर अमल से हासिल हुआ लोगों का विश्वास:

ओमप्रकाश बताते हैं लॉकडाउन के दौरान लंबे समय तक उन्हें अपना सैलून को बंद रखना पड़ा. स्थिति थोड़ा सामान्य होने के बाद उन्होंने लोगों को अपनी सेवाएं घर पर ही देना शुरू की. इस दौरान वह संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों का सख्ती से अनुपालन किया. इससे लोगों का विश्वास हासिल करने में उन्हें काफी मदद मिली. अपने काम के दौरान वह हमेशा लोगों को संकमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करते रहे. साथ ही सोशल साइट पर भी वह इसे लेकर लगातार सक्रिय रहे. संक्रमण से बचाव को लेकर उनकी सतर्कता सैलून खोलने की मिली छूट के बाद भी जारी रही. जो व्यवसायिक लिहाज से उनके लिये बेहद फायदेमंद साबित हुआ.

दुकान आने वाले सभी ग्राहकों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया मास्क:

सैलून का संचालन शुरू होने के बाद अपने काम के दौरान उन्होंने हमेशा मास्क का उपयोग किया. इसके साथ ही नियमित अंतराल पर उन्होंने हाथों की सफाई का पूरा ख्याल रखा.ओमप्रकाश बताते हैं उस दौर में सैलून का संचालन काफी मुश्किल था. दूर-दराज के इलाकों से हर दिन दर्जनों ग्राहक उनकी दुकान पर पहुंचते थे.जिससे संक्रमण के फैलाव की संभावना भी हमेशा बनी रहती थी. इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने थोड़े-थोड़े समयांतराल के बाद दुकान को लगातार सैनिटाइज करते रहे. अगर कोई ग्राहक बिना मास्क के उनकी दुकान पर आता तो वह उन्हें अपनी तरफ से मास्क उपलब्ध कराते ताकि संक्रमण के फैलाव की किसी तरह की संभावना को नकारा जा सके.

लोगों को जागरूक करने के लिये सोशल साइट का लिया सहारा:

ओमप्रकाश बताते हैं उनका सैलून शहर के बेहद पॉस इलाके में स्थित है. जहां शहर के बड़े व्यवसायी व अधिकारियों का आना-जाना लगातार लगा रहता है. संक्रमण की संभावनाओं से भरे उस दौर में उनके कार्य व्यवहार से सभी लोग बेहद प्रभावित हुए. इससे अपने जरूरी काम से सैलून आने को लेकर उनके मन में व्याप्त शंकाओं पर विराम लगा. लोग बेधड़क होकर सैलून आने लगे. इससे उस मुश्किल दौर में भी उनका व्यवसाय बेहतर ढंग से संचालित होता रहा. ओमप्रकाश कहते हैं उन्होंने दुकान आने वाले ग्राहकों को ही नहीं अपने फेसबुक वॉल व अपने दोस्तों के व्हाट्स ग्रुप में संक्रमण से बचाव के कारगर तरीकों का लगातार शेयर करते रहे. इसमें उन्हें अपने नजदीकी मित्र व परिजनों का भी भरपूर सहयोग मिला. उन्होंने बताया आम जनमानस को शतप्रतिशत टीकाकृत किये जाने में काफी वक्त लग सकता है. तब तक संक्रमण से बचाव संबंधी उपायों के प्रति न सिर्फ लोगों को जागरूक होना होगा. बल्कि इसे अपने कार्य व्यवहार में भी लाना होगा. ताकि इस वैश्विक महामारी से बचाव किया जा सके.