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मज़बूत हौसलों से डॉ पूनम ने कोरोना संक्रमण के सामने दीवार खड़ी करने में हुई सफ़ल

संक्रमण काल में पेश की सेवा भाव की मिसाल
मरीजों का उपचार के दौरान खुद आ गयी संक्रमण की चपेट में
कोविड-19 से बचाव के लिए जारी रखें सतर्कता का दे रही संदेश

किशनगंज(बिहार)जुलाई 2020 में गांव हो या शहर, देश विदेश की सड़कों और गलियों को विरान करते हुए जनमानस को महामारी के भय से घरों में बने रहने के लिए बाध्य किये हुए, कोरोना संक्रमण का दौर जब अपने चरम पर था और हर तरफ संक्रमण के खतरे व इसे लेकर भय का माहौल व्याप्त था. उस मुश्किल दौर में भी स्वास्थ्य कर्मी व स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करने वाले सहयोगी संस्था से जुड़े कई लोग जमीनी स्तर पर लोगों तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के कार्य में मुस्तैदी से जुटे थे. कोरोना संक्रमण की संभावनाओं को नजअंदाज करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का तत्परता से निवर्हन करने वाले कर्मियों में 52 वर्षीय सदर अस्पताल में कार्यरत डॉ पूनम का भी नाम शामिल है. उस मुश्किल दौर में मानवता की सेवा को ही अपना ध्येय मानकर तथा मज़बूत हौसलों से डॉ पूनम के सामने दीवार खड़ी करने में सफ़ल हुई हैं. वह संक्रमण काल के दौरान लगातार लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ क्वारेंटाइन में रहते हुए पटना स्थित अपने परिवारजनों को भी कुशल क्षेम की पुष्टि फोन द्वारा करती रहीं।
संक्रमण काल में पेश की सेवा भाव की मिसाल:
कोरोना काल में सदर अस्पताल में सेवा दे रही 52 वर्षीय डॉ पूनम ने अनूठी मिसाल पेश की है। संक्रमण काल में इन्होंने अस्पताल आकर मरीजों का उपचार किया। इसी क्रम में वह संक्रमण की चपेट में आ गयी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने बुलंद हौसले से कोरोना को मात दिया और आज स्वस्थ होकर दोबारा ड्यूटी पर लौट चुकी हैं। करीब 17 दिन के होम क्वारेंटाइन में रहने और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वह इस बीमारी को भली-भांति महसूस कर चुकी हैं और अब धीरे-धीरे खुद को पहले से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही हैं। इनका लक्ष्य पहले की ही भांति संक्रमण काल में अस्पताल आने वाले और बीमार लोगों की सेवा करना है। यह अस्पताल के कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों को लगातार जागरूक भी कर रही हैं। इनका कहना है कि भय की जगह लोग बचाव और सतर्कता के नियमों का पालन करें और अपने साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
बीमारी की अनदेखी न करें:
डॉक्टर पूनम कहती हैं कि जैसे-जैसे वक्त बदल रहा है कोविड-19 के कई लक्षण निकल कर सामने आ रहे हैं। हालांकि बदलते मौसम में यह जरूरी नहीं है कि आपको कोरोना हो गया हो। ये सामान्य फ्लू के भी लक्षण हो सकते हैं। लेकिन अगर समस्या बढ़ती है या आप ऐसे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए है तो तुंरत जांच करवा लें। नियमों का सही से पालन करने, जागरूकता बरतने, सावधानी और सुरक्षित माहौल में रहने से आप सदैव सुरक्षित और स्वस्थ रहगे। यही मूल मंत्र है स्वयं के साथ सामाज को सुरक्षित रखने का। साथ ही साथ उन्होंने समाज के सभी लोगो के लिए संदेश दिया है कि अभी दो गज की दूरी के साथ-साथ मास्क का प्रयोग अवश्य करें. इससे न बल्कि आप सुरक्षित रहेंगे और समाज भी सुरक्षित रहेगा !
कोविड-19 से बचाव के लिए जारी रखें सतर्कता का दे रही संदेश:
डॉक्टर पूनम कोविड-19 से बचाव के लिए जारी रखें सतर्कता का संदेश देते हुये बताती है की लगातार बढ़ रहे ठंड के कारण कोविड-19 के दूसरे दौर में संक्रमण की शिकायत में लगातार वृद्धि हो रही है। इसलिए, संक्रमण के दायरे से दूर रखने के लिए अभी और सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। अन्यथा, थोड़ी सी लापरवाही बड़ी मुसीबत का सबब बन सकती है। चिकित्सकों के अनुसार वैक्सीन आने तक कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए सबसे आसान और बेहतर उपाय मास्क का उपयोग एवं शारीरिक दूरी का पालन है। बदलते मौसम के मद्देनज़र सर्दियों में स्वास्थ्य पर विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। खासकर कोरोना को लेकर अभी और भी सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना को लेकर हमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए
इन मानकों का पालन कर कोविड-19 से रहें दूर :

  • साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके।
  • घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
  • बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
  • मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें।
  • किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों।