शिक्षक बच्चों को करें कोविड संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक:
तीसरी लहर को रोकने में शिक्षकों की भी है महत्वपूर्ण जिम्मेदारी:
गया(बिहार)बच्चों पर तीसरी लहर के असर को कम करने के लिए एक शिक्षक के रूप में आप परिजनों को फोन या व्हाट्सअप के माध्यम से आवश्यक जानकारी साझा कर सकते हैं। साथ ही यदि संभव हो तो परिजनों से भेंट कर उन्हें कोविड संक्रमण की रोकथाम के अन्य आवश्यक बिंदूओं पर जागरूक कर सकते हैं।
संक्रमण और मास्क की उपयोगिता की दें जानकारी:
शिक्षक बच्चों व परिजनों को सबसे पहले यह जानकारी दें कि कोविड संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने आदि के दौरान निकली बूंदों में वायरस मौजूद होते हैं जो दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक पहुंच कर उन्हें भी संक्रमित करता है। ऐसे में मास्क की उपयोगिता को लेकर उन्हें जागरूक करें और इसके नियमित इस्तेमाल के प्रति प्रेरित करें। हैंड हाइजीन के बारे में बताते हुए नियमित रूप से हाथों को साबुन से धोने या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर के इस्तेमाल की आवश्यकता बतायें। हाथों को साबुन पानी से धोने तथा सैनिटाइज के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में बतायें। बच्चों व उनके परिजनों को बतायें कि अतिआवश्यक होने पर ही बच्चे बाहर जायें। गैरजरूरी कार्यों के लिए बाहर जाने से बचें। भीड़भाड़ वाली जगहों तथा ऐसे नाते रिश्तेदारों के यहां बच्चों को लेकर नहीं जायें जहां परिवार का सदस्य किसी गंभीर रोग अथवा सर्दी, खांसी से पीड़ित है।
बच्चों में कोविड संक्रमण के लक्षणों की दें जानकारी:
शिक्षक बच्चों और उनके परिजनों को कोविड संक्रमण के लक्षणों की जानकारी दें। सरदर्द, बुखार, बदन दर्द, गले में खराश, सूखा कफ, भूख की कमी, कमजोरी, दस्त, गालों व आंखों में दर्द, सुगंध और स्वाद का नहीं मिल पाना, पाचन संबंधी समस्या आदि कोविड संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों के प्रति बच्चों को भी सर्तक व सजग रहने के लिए कहें। बच्चों में ऐसे किसी लक्षण प्रतीत होने पर चिकित्सक से तुरंत परामर्श प्राप्त करने के लिए परिजन को कहें।
बच्चों को अपने खिलौनों को सैनिटाइज करने की कहें:
शिक्षक बच्चों व उनके परिजनों को घरों की नियमित सफाई करने के लिए जागरूक करें। घरों में मौजूद उपकरणों व खिलौनों आदि को भी सैनिटाइज करने की जानकारी दें। मोबाइल फोन, कंप्यूटर, की—बोर्ड के साथ साथ घरों की सीढ़ियों, दरवाजों के हैंडल व धातू की अन्य सतहें को सैनिटाइज करने के लिए कहें। लिफ्ट, सीढ़ियों की रेलिंग आदि को छूने से सावधान रहने के लिए बतायें। बच्चों को अन्य लोगों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाली वस्तुओं जैसे तौलिया, ब्रश, रूमाल को इस्तेमाल या छूने से बचने के लिए कहें।
कोविड काल में हाथ मिलाने की जरूरत पर प्रकाश डालें:
अक्सर रिश्तेदार या नजदीकी स्नेहवश बच्चों से हाथ या गला मिला लेते हैं या उन्हें चूम लेते हैं। कोविड काल में बच्चों व परिजनों को इससे परहेज रखने की आवश्यता की जानकारी दें। बतायें कि कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए ऐसा करना जरूरी है।
प्रोटीन व विटामिन सी वाले पौष्टिक आहार पर करें चर्चा:
शिक्षक बच्चों व परिजन के साथ आवश्यक पौष्टिक आहार पर चर्चा करें। बच्चों को प्रोटीन, विटामिन सी और डी तथा खनिज लवण वाले खाद्य पदार्थों की विशेषता, शरीर के लिए इसकी जरूरत आदि पर जानकारी देकर ऐसे भोज्य पदार्थों की सूची उपलब्ध करायें। रोजाना अंकुरित चना, मूंग, मौसमी फल, साग-सब्जी,अंडा, दूध व राजमा व दाल आदि के सेवन करने के लिए कहें।रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने में इनकी भूमिका की चर्चा करें। धूप से मिलने वाली विटामिन डी की जानकारी दें।
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