हकेवि में मौलिक सम्पदा अधिकार पर केंद्रित कार्यशाला आयोजित
महेंद्रगढ़(हरियाणा)किसी भी देश के विकास के लिए नवाचार का महत्त्व सदैव ही अहम रहा है। नवाचार निरंतर जारी रहने वाली ऐसी प्रक्रिया है जोकि एक-दूसरे से जुड़ी रहती है इसलिए आवश्यक है कि इस दिशा में विशेषज्ञ निरंतर प्रयासरत रहें। जहां तक बात शिक्षण संस्थानों की है तो यह हमेशा से ही नवाचार को केंद्र रही हैं। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन (सीआईआई) द्वारा मंगलवार को आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विशेषज्ञ वक्ता के रूप में राजीव गाँधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी मैनेजमेंट के डॉ. भरत एन सूर्यवंशी उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन व राजीव गाँधी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी मैनेजमेंट, नागपुर के सहयोग से राष्ट्रीय मौलिक सम्पदा जागरूकता अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला का विषय इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट्स (आईपीआर) पेटेंट एंड डिजाइन प्रोसेस रहा।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय कुलपति ने नवाचार को एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया बताया और कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में लगातार जारी नई-नई खोजों का उल्लेख करते हुए इसके महत्त्व से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि हर खोज एक लक्षित उद्देश्य को प्राप्त करने में मददगार होती है और इसमें विशेष प्रयास लगते हैं। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थान मुख्य रूप से शोध व अनुसंधान हा ही केंद्र है और यहां कार्यरत शिक्षक न सिर्फ अनुसंधान कार्य को अंजाम देते हैं बल्कि विद्यार्थियों को भी इस दिशा मेें बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। कुलपति ने इस मौके पर सीआईआई के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अवश्य ही इसके माध्यम से विद्यार्थियों को अपने आइडिया के विकास में मदद मिलेगी।
इससे पूर्व सीआईआई की समन्वयक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने सेंटर के द्वारा जारी विभिन्न प्रयासों की जानकारी दी और बताया कि सेंटर किस तरह से विश्वविद्यालय स्तर पर नवाचार व नवोन्मेषन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। कार्यक्रम के विशेषज्ञ वक्ता असिसटेंट कंट्रोलर ऑफ पेटेंट्स एंड डिजाइन डॉ. भरत एन सूर्यवंशी ने अपने संबोधन में विस्तार से पेटेंट संबंधी विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पेटेंट कितने प्रकार के होते हैं और उनकी समयावधि व विस्तार की प्रक्रिया क्या होती है। डॉ. सूर्यवंशी ने अपने संबोधन में पेटेंट के महत्त्व और उससे जुड़े विभिन्न तकनीकी पक्षों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय कुलपति का परिचय डॉ. सूरज आर्य ने तथा विशेषज्ञ वक्ता का परिचय प्रो. पवन मौर्य ने प्रतिभागियों से कराया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनूप यादव ने दिया। कार्यक्रम के आयोजन में श्री सुनील अग्रवाल ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।
लकड़ी नवीगंज(सीवान)जिला के लकड़ी नवीगंज थाना पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो चोरों…
सीवान:112 महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के महाराजगंज के बोर्ड मिडिल स्कूल के खेल मैदान में महागठबंधन समर्थित…
बरबीघा से निर्दलीय उम्मीदवार बन राजनीतिक समीकरणों में हलचल बरबीघा(शेखपुरा)1990 के दशक में बिहार की…
सीवान:जिले के 112 महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी विशाल कुमार जायसवाल को सभी वर्गों…
मनीष वर्मा ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा विपक्ष में बैठे लोगों…
महाराजगंज(सीवान)जनसंपर्क यात्रा के तहत शनिवार को महराजगंज प्रखंड के विभिन्न पंचायतों और गाँवों में जनता…
Leave a Comment