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गया में 22 फरवरी को होगी ग्रामसभा,कोरोना टीकाकरण से छूटे लोगों को दिया जायेगा टीका

लगभग 332 पंचायतों में मुखिया और वार्ड सदस्यों की मदद से की जानी है आमसभा:

गया(बिहार)जिला में 22 फरवरी को पंचायतीराज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायत स्तर पर आमसभा की बैठक की जायेगी। इस बैठक के दौरान कोरोना टीका के प्रीकॉशन डोज खुराक से वंचित 60 वर्ष और इससे अधिक आयुवर्ग के ऐसे लाभार्थी जो किसी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं उनका ग्रामवार ड्यूलिस्ट के अनुसार टीकाकरण कराया जायेगा। साथ ही सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किये जाने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य,स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर दी जाने वाली सेवाओं सहित टेलीमेडिसीन परामर्श संबंधी जानकारी और इसका प्रदर्शन किया जाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर कार्यपालक निदेशक अनिमेष कुमार पराशर ने डीएम और सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिये हैं। जिला में लगभग 332 पंचायतों में यह ग्रामसभा होनी है। कोरोना टीकाकरण अभियान को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से 22 फरवरी को ग्रामसभा आयोजन की जिम्मदारी मुखिया सहित पंचायतीराज संस्थाओं के अन्य जनप्रतिनिधियों की होगी। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा इनकी सहभागिता से कोविड टीकाकरण अभियान को गति प्रदान की जा सकेगी।

स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्थाएं करेंगी मदद:
निर्देश में कहा गया है कि राज्य में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए विभिन्न आयुवर्ग जैसे 15 से 18 वर्ष तथा 18 वर्ष एवं इससे अधिक आयुवर्ग के सभी लाभार्थियों को कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है। 22 फरवरी को राज्य के सभी पंचायतीराज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायत स्तर पर आमसभा की बैठक आयोजित किया जाना है।

इस बैठक के दौरान विभिन्न गतिविधियों के अलावा कोविड टीकाकरण संंबंधी गतिविधि भी आयोजित करनी है। आमसभा के दौरान कोरोना टीका के प्रीकॉशन डोज खुराक से वंचित 60 वर्ष एवं इससे अधिक आयुवर्ग के कोमॉर्बिड श्रेणी के सभी लाभार्थियों को ग्रामवार ड्यू लिस्ट तैयार कर सभा के दौरान नाम पुकारते हुए टीकाकरण के लिए उत्प्रेरित किया जाये। निर्देश में कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित विलेज हेल्थ, सेनिटेशन एंड न्यूट्रिशन डे कार्यक्रम के तहत दिये जाने वाली सेवाओं की जानकारी के साथ साथ टेलीमेडिसीन परामर्श और ई-संजीवनी सेवाओं का प्रदर्शन कर सामुदायिक स्तर पर इससे होने वाले लाभ से आमजन को अवगत कराया जाये। इन गतिविधियों में सहयोगी संस्थाओं जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, पीसीआई, डॉक्टर्स फॉर यू एवं अन्य के प्रतिनिधियों का सहयोग अनिवार्य रूप से लिया जाये।