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संर्घष और चुनौतियों के दम पर स्वास्थ्यकर्मियों ने पेश की मिसाल, 10 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य के करीब पहुंचा बिहार

• सारण में 36.82 लाख से अधिक लोगों का हुआ टीकाकरण टीकाकरण
• स्वास्थ्य विभाग ने तमाम नवाचार के बदौलत हासिल की मुकाम
• स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों की कर्तव्यनिष्ठता से सफलता का राह आसान

सारण(बिहार)वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कार्यक्रम जनवरी माह से चलाया जा रहा है।चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण को सफल बनाने को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। अब बिहार में 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य पूरा होने वाला है। टीकाकरण के इस अभियान में सरकार के साथ कई गैर सरकारी संगठन मिलकर काम कर रहे हैं। प्रदेश में टीकाकरण का यह महत्वपूर्ण लक्ष्य साल के अंत तक (10 करोड़ टीकाकरण) हासिल होने की सम्भावना है। यह वास्तव में नए वर्ष की सुखद शुरुआत होगी। इस मील के पत्थर को हासिल करने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं। सरकार कई तरह से लोगों को टीकाकरण केन्द्रों तक पहुंचाने के लिए सक्रियता से काम कर रही है। आकर्षक ऑफर, तरह-तरह के अभियान और लकी ड्रा प्रतियोगिता ने कई लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं टीकाकरण की गति को बढ़ाने के लिए टीका एक्सप्रेस, विशेष एवं महाभियान, ड्राइव थ्रू एवं घर-घर टीकाकरण अभियान ने भी इस लक्ष्य को हासिल करने में काफी मदद की है। कई लोग कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर भी टीकाकरण करा रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गयी पहल:
• टीका एक्सप्रेस
• विशेष एवं महाभियान
• 9 टू 9 टीकाकरण
• दिव्यांगजनों का विशेष टीकाकरण
• रिफ्यूजल रिस्पांस टीम का गठन
• मोटर साइकिल दस्ता टीम
• विद्यालयों में टीकाशाला
• टीकाकरण के प्रति सामुदायिक जागरूकता
• सेकेंड डोज के लिए लकी ड्रॉ का ऑफर
• हर घर दस्तक अभियान

10 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य तक पहुंचना नहीं था आसान:

यह बहुत ही खुशी की बात है कि बिहार अब 10 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य तक पहुंचने वाला है। लेकिन टीकाकरण इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसान नहीं था। टीकाकरण को लेकर काफी संषर्घ और चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इस लक्ष्य तक पहुंचने में सामुदायिक स्तर पर कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, आशा कार्यकर्ताओं, सहयोगी संस्था और जनप्रतिनिधियो का साकारात्म सहयोग रहा है। सारण में अब तक 36 लाख 82 हजार 814 से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। ऐसे में राज्य के इस उपलब्धि में सारण का महत्वपूर्ण योगदान है।

डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, सिविल सर्जन, सारण

शुरूआती दौर चुनौतियों का दौर रहा:
टीकाकरण अभियान जब शुरू हुआ तब हमलोगों के लिए यह चुनौतियों से भरा था। शुरूआती दौर में लोग टीकाकरण कराने से इनकार करते थे। लेकिन इन सभी चुनौतियों को रणनीति के तहत पार किया गया। इसको लेकर विभागीय स्तर पर सामुदायिक जागरूकता फैलायी गयी। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और अन्य स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के फायदे के बारे जागरूक करने का काम किये। आज हमारा राज्य इस मुकाम तक पहुंच चुका है। यह काफी सकारात्मक बदलाव है।


डॉ. चंदेश्वर सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, सारण

टीकाकरण के प्रति लोगों में आया बदलाव:
टीकाकरण के प्रति लोगों में काफी सकारात्मक बदलाव आया है। मैं हर दिन हर घर दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण कर रहीं हूं। मेरा काम यहीं तक सीमित नहीं है। टीकाकरण के साथ यह भी सुनिश्चित कर रही हूं कि प्रत्येक व्यक्ति जो लोग अब तक टीकाकरण से वंचित है या फिर सेकेंड डोज का समय पूरा हो गया है, उनका शत-प्रतिशत टीकाकरण किया जाये।

गीता देवी, एएनएम, गड़खा सारण

जीवन का हिस्सा बन गया है टीकाकरण:
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण कार्यक्रम जब से शुरू हुआ है तब से लेकर आज तक मैं लोगों के बीच जाकर टीकाकरण के प्रति जागरूकता फैला रही हूं। यह कार्य मेरे जीवन महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। हर दिन सुबह आंख खुलते हीं घर का सभी काम काज छोड़कर निकल जाती हूं अपने क्षेत्र में, और घर-घर जाकर हर व्यक्ति का टीकाकरण सुनिश्चित कराती है। ताकि आने वाले तीसरी लहर से बचाव हो सके। पहली और दूसरी लहर में जिस चुनौतियों का सामना हम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं करना पड़ा वह स्थिति फिर से उत्पन्न न हो। अब 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य जल्द पूरा होगा। इससे संक्रमण के खिलाफ लड़ाई ओर मजबूत होगी।