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135 नयी आंगनबाड़ी सेविकाएँ होंगी आईसीडीएस कैस एप्लीकेशन से लैस

• गूगल मीट के माध्यम से दी जा रही ट्रेनिंग
• 6 दिवसीय प्रशिक्षण में बताई जा रही एप्पलीकेशन की उपयोगिता
• रजिस्टर में नहीं करना होगी एंट्री

पूर्णियाँ(बिहार)पोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से जिले की नयी आंगनबाड़ी सेविकाओं को आईसीडीएस कैस एप्लीकेशन की ट्रेनिंग दी जा रही है. कोरोना संक्रमण के कारण गूगल मीट के जरिये ऑनलाइन सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं को इसकी जानकारी दी जा रही है. पहले सेविकाओं को सभी जानकारी रजिस्टर में जोड़नी पड़ती थी, पर कैस एप्लीकेशन के उपयोग करने से सेविकाओं को रजिस्टर सम्हालने से मुक्ति मिल गई है. इसके लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन दिए गए हैं. इसके द्वारा सभी जानकारी ऑनलाइन भरी जाती है और नियमित समय से रिपोर्ट देना आसान हो जाता है.

135 आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया जा रहा है ट्रेनिंग :
पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने बताया यह ट्रेनिंग का दूसरा दौर है जिसमें 135 नई आंगनवाड़ी सेविकाओं को कैस एप्लीकेशन की जानकारी दी जा रही है. इसमें अमौर से 4, बैसा से 3, बाईसी से 1, बी.कोठी से 34, डगरुआ से 36, जलालगढ़ से 2, पूर्णियाँ पूर्व से 6, रुपौली से 43 और श्रीनगर से 6 सेविकाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पहले दौर में भी 135 सेविकाओं को प्रशिक्षित किया गया था. अन्य बची सेविकाओं के लिए दो और प्रशिक्षण करवाया जाएगा.

10 मॉड्यूल्स की दी जा रही जानकारी :
निधि प्रिया ने बताया कैश एप्लीकेशन में 10 तरह के मॉड्यूल्स होते हैं. इसमें परिवार प्रबंधन, दैनिक पोषाहार, गृह भ्रमण, बाल विकास निगरानी, टीएचआर, ड्यूलिस्ट, आंगनबाड़ी केंद्र प्रबंधन, एमपीआर, किशोरी और समुदाय आधारित गतिविधियों जानकारी के लिए अलग अलग मोड्यूल हैं. इसी एप्प के माध्यम से आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका द्वारा भी अपने क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्रों की ट्रेकिंग और रियल टाइम मोनिटरिंग कर सकती है.

कैस एप्लीकेशन का उद्देश्य :
कैस (CAS) एप्पलीकेशन के क्रियान्वयन का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं को बेहतर करना है. इससे आईसीडीएस की रियल टाइम मोनिटरिंग व्यवस्था में सुधार आएगा. क्षेत्र, प्रखंड व जिला सभी स्तरों पर डाटा का उपयोग करते हुए बेहतर योजना बनाने व सम्बंधित अधिकारियों को सूचित करने में सहयोग मिलेगा.

तकनीकी समस्या के लिए सुविधा उपलब्ध :
डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट अस्सिस्टेंट सुधांशु कुमार ने बताया कि एप्लीकेशन में किसी भी तरह की तकनीकी समस्या होने पर आंगनबाड़ी सेविकाएँ समस्या को प्रखंड स्तर पर निर्मित हेल्प डेस्क को ऑनलाइन जानकारी दे सकती हैं. प्रखंड स्तर पर निर्मित हेल्प डेस्क इस समस्या को सुलझाएंगे. प्रखंड स्तर पर समस्या का प्रबंधन नहीं होने पर इसे जिला स्तरीय हेल्प डेस्क को भेज दिया जा सकता है. डिस्ट्रिक्ट स्तर पर बने हेल्प डेस्क फिर समस्या का निदान करते हैं. जटिल समस्या होने पर इसे राज्य स्तरीय हेल्प डेस्क को भेजा जाता है. इस तरह कैश एप्पलीकेशन की तकनीकी समस्या का नियत समय पर समाधान उपलब्ध हो रहता है.

Mani Brothers

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