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चमकी बुखार से निपटने को EMT को मिला प्रशिक्षण

छपरा:चमकी बुखार के प्रबंधन और त्वरित इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया। सदर अस्पताल के जीएनएम स्कूल में हुए इस शिविर में 95 एंबुलेंस ईएमटी को प्रशिक्षित किया गया। डीपीएम अरविंद कुमार और जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने प्रशिक्षण दिया।

प्रशिक्षण में बताया गया कि मरीज को एंबुलेंस में कैसे लाना है, कैसे तुरंत प्राथमिक उपचार देना है। तापमान और ग्लूकोज की जांच कैसे करनी है, ऑक्सीजन कब और कैसे देना है, कौन सी दवाएं कितनी मात्रा में देनी है, इसकी जानकारी दी गई। ईएमटी को एक चेकलिस्ट भी दी गई है, जिसे भरकर डॉक्टर को देना होगा। इससे मरीज की स्थिति और दी गई सुविधाओं का पूरा ब्यौरा मिल सकेगा।

डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि चमकी बुखार में समय की अहम भूमिका होती है। इलाज जितना जल्दी शुरू होगा, ठीक होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी। एंबुलेंस में ही मरीज को प्राथमिक चिकित्सा मिल सकेगी। दवा, ऑक्सीजन और जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे। तापमान और शुगर की जांच भी वहीं हो सकेगी। जरूरत पड़ने पर ग्लूकोज और सॉल्युशन भी चढ़ाया जा सकेगा।

जिला वेक्टर रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि चमकी बुखार के शुरुआती चार घंटे बेहद अहम होते हैं। इस दौरान एंबुलेंस से लाए गए बच्चों को तुरंत इलाज मिलना जरूरी है।

चमकी बुखार के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, दांत पर दांत चढ़ाना, सुस्ती, कमजोरी और बेहोशी शामिल हैं। कई बार चुटकी काटने पर भी शरीर में कोई हरकत नहीं होती।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल में 10 बेड का एईएस-जेई वार्ड बनाया गया है। अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड और सभी सीएचसी व पीएचसी में दो-दो बेड का वार्ड तैयार किया गया है। सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं। एंबुलेंस की टैगिंग हो चुकी है। शिशु रोग विशेषज्ञ और सामान्य चिकित्सकों को बच्चों के इलाज पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।