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तीन लाख का इनामी नक्सली अखिलेश सिंह ने सरेंडर किया

गया: बिहार एसटीएफ और गया पुलिस के दबाव में कुख्यात नक्सली अखिलेश सिंह भोक्ता उर्फ पतरकी ने आत्मसमर्पण कर दिया। वह 3 लाख रुपये का इनामी था। 19 जून 2025 को उसने सेमी ऑटोमेटिक रायफल और मैगजीन के साथ सरेंडर किया। वह कचनार, थाना छकरबंधा का रहने वाला है।

अखिलेश की निशानदेही पर जंगल में जमीन के नीचे छिपाकर रखे गए 60 आईईडी बरामद हुए। हर आईईडी का वजन 1 किलो था। सुरक्षा बलों ने इन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई में बीएसएपी और सीएपीएफ की टीमों ने भी अहम भूमिका निभाई।

अखिलेश सिंह आईईडी बनाने और विस्फोट करने में प्रशिक्षित था। वह पिछले 10 साल से फरार था। गया और औरंगाबाद जिलों में दर्ज 17 से ज्यादा नक्सली मामलों में वांछित था। इनमें कई बड़ी घटनाएं शामिल हैं।

2017 में आमस सोलर प्लांट जलाने की घटना में शामिल था। 2018 में देव में ट्रांसपोर्टर के परिजन की हत्या और वाहनों में आगजनी की। 2019 में लुटुआ में आईईडी ब्लास्ट में कोबरा एसआई की शहादत हुई। उसी साल देव में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए। 2021 में डुमरिया में चार ग्रामीणों की फांसी देकर हत्या की। अप्रैल 2025 में कचनार में सत्येंद्र सिंह की हत्या में भी उसकी भूमिका रही।

उसके खिलाफ यूएपीए, आर्म्स एक्ट, सीएलए एक्ट, एससी-एसटी एक्ट, हत्या, देशद्रोह, विस्फोटक अधिनियम और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं।

सरकार की आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति के तहत उसे सभी सुविधाएं दी जाएंगी। इस आत्मसमर्पण के बाद इमामगंज अनुमंडल के छकरबंधा क्षेत्र से माओवादी गतिविधियों का लगभग सफाया हो गया है। यह नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता मानी जा रही है।