केंद्रीय विद्यालय को मिला नया ठिकाना, बंदी से बचा
सीवान:महाराजगंज केंद्रीय विद्यालय को नया अस्थाई भवन मिल गया है। सोमवार को गोरखसिंह महाविद्यालय परिसर में सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने इसका उद्घाटन किया। उनके साथ केंद्रीय विद्यालय संगठन पटना संभाग के उपायुक्त अनुराग भटनागर, पूर्व विधायक हेमनारायण साह और महाविद्यालय के निर्देशक प्रो. अभय कुमार सिंह मौजूद रहे। दीप प्रज्वलन और फीता काटकर भवन का उद्घाटन किया गया।

सांसद सिग्रीवाल ने कहा कि यह विद्यालय बंद होने की कगार पर था। मीडिया, जिला प्रशासन, केंद्रीय विद्यालय संगठन और गोरखसिंह महाविद्यालय के सहयोग से इसे नया जीवन मिला है। उन्होंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। कहा कि जल्द ही विद्यालय के लिए स्थाई भवन का निर्माण शुरू होगा। जमीन हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। छोटका तेघड़ा गांव में छह एकड़ सरकारी जमीन चिन्हित की गई है। डेढ़ साल में भवन बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद यहां 10+2 तक की पढ़ाई होगी।

केंद्रीय विद्यालय संगठन के उपायुक्त अनुराग भटनागर ने बताया कि नए सत्र 2025-26 की शुरुआत 1 जुलाई से होगी। फिलहाल कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई होगी। हर साल एक कक्षा बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि स्थाई भवन के निर्माण पर करीब 60 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अस्थाई भवन देने के लिए उन्होंने प्रो. अभय कुमार सिंह का आभार जताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य हेमंत कुमार साहू ने की। मंच संचालन चंद्रविंद सिंह ने किया। उद्घाटन से पहले सांसद सिग्रीवाल, उपायुक्त भटनागर, प्रो. अभय कुमार सिंह और पूर्व विधायक हेमनारायण साह ने वृक्षारोपण किया। सांसद ने महाविद्यालय परिसर में ऐच्छिक मद से बनी सड़क का भी उद्घाटन किया।
मौके पर एसडीओ अनीता सिन्हा, एसडीपीओ राकेश कुमार रंजन, भाजपा नेता दिलीप सिंह, सुप्रिया जयसवाल, पारसनाथ द्विवेदी, रंजीत प्रसाद, संजय सिंह राजपूत, अवधेश पांडेय, अजय कुमार, डॉ. त्रिपुरारी शरण सिंह, राहुल सिंह, मनीष सिंह, विकास सिंह, जितेंद्र सिंह, गुड्डू सिंह, शशिकांत तिवारी, दीपक कुमार, ओमप्रकाश गुप्ता, राजकुमार गुप्ता, कृष्णा प्रसाद स्वर्णकार, कमलेश पांडेय, शक्तिशरण प्रसाद, पवन कुमार गुप्ता, पप्पू सिंह, गौरव कुमार करेजी सहित कई लोग मौजूद रहे।
महाराजगंज केंद्रीय विद्यालय की स्थापना 2011 में उजाय गांव के गौरीशंकर उच्च विद्यालय परिसर में हुई थी। तब से यह तीन कमरों में संचालित हो रहा था। भवन जर्जर होने के कारण कुछ साल पहले नामांकन पर रोक लगी। मार्च 2024 में इसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई। मीडिया में खबर आने के बाद इसे बचाने का अभियान शुरू हुआ। अब यह विद्यालय अस्थाई रूप से गोरखसिंह महाविद्यालय परिसर में संचालित होगा।