Home

नशा व्यक्ति को बर्बादी की ओर ले जाता है:डॉ.नंदकिशोर

लखनऊ:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि नशाखोरी केवल दुर्गुण नहीं, एक रोग है। शराब और नशीली वस्तुएं शैतान के दो हाथ हैं, जो इंसान को गुलाम बनाकर नशे में धकेल देते हैं। गांधीजी ने समाज को आदर्श जीवन जीने और नशे से दूर रहने का संदेश दिया। अगर माता-पिता और शिक्षक सही मार्गदर्शन दें तो नशे की प्रवृत्ति को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

देश की सबसे बड़ी ताकत युवा शक्ति है। युवाओं को रचनात्मक कार्यों में लगाना और उन्हें भटकाव से बचाना समाज का कर्तव्य है। पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव में आकर युवा भारतीय संस्कृति से दूर हो रहे हैं। नशाखोरी भारत की बड़ी समस्या बन चुकी है। देश की जनसंख्या 140 करोड़ के पार है, जिसमें बड़ी संख्या युवाओं की है। गांजा, भांग जैसे नशे से दिमाग खराब होता है। व्यक्ति पागल तक हो सकता है। परिवार टूट जाते हैं। नशेड़ी व्यक्ति अपने परिवार से ज्यादा नशे को महत्व देता है। पति-पत्नी में झगड़े बढ़ते हैं, बच्चों पर बुरा असर पड़ता है।

भौतिकवाद और आधुनिकता की दौड़ में युवा क्षणिक सुख के लिए नशे के आदी हो रहे हैं। नशा व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर बना देता है। एक समय ऐसा आता है जब व्यक्ति चाहकर भी नशा नहीं छोड़ पाता। उसके चेहरे पर जवानी में ही बुढ़ापे की झुर्रियां आ जाती हैं। समाज उसे तिरस्कृत करता है। इलाज केवल औपचारिकता बनकर रह जाता है। सेहत और पैसा दोनों चला जाता है। इसका असर बच्चों पर भी पड़ता है।

व्यक्ति यह जानते हुए भी कि नशा गलत है, उसे बार-बार करता है। जब तक बुराई का एहसास नहीं होगा, वह छूट नहीं सकती। इसके लिए आत्मनिरीक्षण जरूरी है। व्यक्ति को अपनी बुराइयों को पहचानकर उन्हें छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए। एक साथ न छोड़ सके तो क्रमिक अभ्यास करना चाहिए।

गांधीजी के विचार आज भी प्रेरणा हैं। उन्हीं के विचारों पर चलकर देश आजादी तक पहुंचा और अब विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। नशा स्वास्थ्य के लिए घातक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में कैंसर के आधे से अधिक मामले मुंह और गले के होते हैं। इसका मुख्य कारण सिगरेट, तंबाकू, गुटखा और पान मसाला है। तंबाकू में 500 रसायन होते हैं, जिनमें से 50 कैंसर पैदा करते हैं।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के धुएं से आसपास के लोग भी कैंसर के शिकार हो सकते हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी असर होता है। तंबाकू से हृदय रोग, मधुमेह, रक्तचाप और रक्त नालियों की संकीर्णता बढ़ती है। इससे कैंसर की संभावना 25 गुना बढ़ जाती है। धूम्रपान करने वाले की पत्नी और बच्चों को हृदय रोग का खतरा 91% अधिक होता है। नशेड़ी व्यक्ति की कार्य क्षमता आधी रह जाती है।

शराब और सिगरेट पीने वालों को कोरोना संक्रमण का खतरा 14% ज्यादा होता है। धूम्रपान करने वालों को वेंटिलेशन की जरूरत ज्यादा पड़ती है। उनके फेफड़े कमजोर होते हैं, जिससे कोरोना वायरस ज्यादा असर करता है। हालांकि कई लोगों ने कोरोना के डर से धूम्रपान छोड़ दिया है। इससे उनके फेफड़ों की सेहत सुधर रही है। शराब पीने वालों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे वायरस जल्दी असर करता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 1.3 अरब लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। इससे हर साल 1.2 मिलियन व्यस्क और 65 हजार बच्चों की मौत होती है। शराब से हर साल 30 लाख लोगों की मौत होती है। हर 20 में से 1 मौत का कारण शराब है। भारत में हर साल 2.6 लाख लोग शराब से मरते हैं। दुनिया में हर दिन 6000 लोग शराब से मरते हैं। 23.7 करोड़ पुरुष और 4.6 करोड़ महिलाएं शराब से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही हैं। इनमें अधिकतर यूरोप और अमेरिका में हैं। कोविड के कारण इसमें 10% की कमी आई है।

देश में 1 मई 2004 से तंबाकू नियंत्रण कानून लागू है। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक है। सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर भी रोक है। 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध है। कानून तोड़ने पर 10 साल की सजा और ₹1 लाख जुर्माने का प्रावधान है। शराब पीकर उत्पात मचाने पर पुलिस अधिनियम की धारा 34 और आबकारी अधिनियम के तहत सजा होती है।

नशा व्यक्ति को मानसिक रोगी बना देता है। इससे दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। पारिवारिक झगड़े होते हैं। व्यक्ति चोरी, डकैती, तस्करी और आतंकवाद जैसे अपराधों की ओर बढ़ता है। उसकी रचनात्मकता खत्म हो जाती है।

नशे से बचाव के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी है। परिवार का सहयोग जरूरी है। संतों और महापुरुषों की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए। जीवन में लक्ष्य तय करना चाहिए। रचनात्मक कार्यों और खेलों में रुचि बढ़ानी चाहिए। तभी हम स्वस्थ रह सकेंगे और बापू के सपनों को साकार कर सकेंगे।

नशा मुक्ति की पहल वैश्विक स्तर पर हो रही है। नशा करने वाले समाज के लिए खतरा बन जाते हैं। इससे छुटकारा जरूरी है। घरेलू उपाय भी मददगार हो सकते हैं। संतरा, नींबू, सेव, केला जैसे फलों से शरीर में जमा जहर कम होता है। खजूर भी फायदेमंद है। 3-4 खजूर को आधे गिलास पानी में रगड़कर देने से शराब की आदत छूट सकती है। धूम्रपान पूरी तरह बंद करना चाहिए। धूम्रपान से शराब पीने की इच्छा बढ़ती है। आधा गिलास पानी में अजवाइन का रस मिलाकर एक महीने तक पीने से लाभ होता है।

सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए नशा मुक्त समाज जरूरी है।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

अपना किसान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए राहुल राठौड़

पटना:अपना किसान पार्टी के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष जयलाल प्रसाद कुशवाहा ने मंगलवार को वैशाली…

5 days ago

सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में अपना किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जन संपर्क कर समर्थन मांगा

समस्तीपुर:जिले में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनितिक पार्टियां अपने पक्ष में गोलबंद करने के…

1 week ago

जनता को तय करना हैं की नौवी पास चाहिए की इंजिनियर:मनीष वर्मा

भोजपुर(बिहार)जिले के संदेश विधानसभा के पियनिया में आयोजित एनडीए विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल…

1 week ago

स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत महिलाओं को किया गया जागरूक: अंशु सिंह

छपरा:जिले की महिलाओं विशेष रूप से युवतियों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, आत्मनिर्भरता और सामाजिक जागरूकता के…

1 week ago

बिहार के छपरा में स्टेट चैंपियनशिप सेपक टकरा- 2025 का होगा आयोजन, युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करने का प्रयास: विजय शर्मा

छपरा:राज्य के युवाओं को खेलकूद की ओर आकर्षित करना, उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से…

1 week ago

लूट कांड का पर्दाफाश, 06 अपराधी अवैध आग्नेयास्त्र एवं लूट की राशि के साथ गिरफ्तार

बिहार :जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को रात्रि में सूचना प्राप्त हुई…

1 week ago