Home

बढ़ती उम्र में हो सकते हैं अल्जाइमर के शिकार, जागरूकता से बचाव संभव

विश्व अल्जाइमर्स (डिमेंशिया) दिवस : 21 सितम्बर

  • बढ़ते उम्र व जीवनचर्या में बदलाव हैं अल्जाइमर के कारण
  • जागरूक रहकर करें डिमेंशिया को दूर
  • जितनी जल्दी पता चल जाए बीमारी का उतनी ही जल्दी दूर की जा सकती है बुढ़ापे की बड़ी समस्या

पूर्णियाँ(बिहार)उम्र बढ़ने के साथ ही बहुत सी बीमारियाँ बुजुर्गों के शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं. इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदतें जिसे चिकित्सकीय भाषा में अल्जाइमर्स (डिमेंशिया) कहते हैं. आज के समय में ऐसे बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है, इसीलिए इस बीमारी की जद में आने से बचाने के लिए हर साल 21 सितम्बर को विश्व अल्जाइमर्स (डिमेंशिया) दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना है ताकि घर-परिवार की शोभा बढ़ाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाकर उनके जीवन में खुशियाँ लायी जा सकें.

बढ़ते उम्र व जीवनचर्या में बदलाव हैं अल्जाइमर के कारण :

आम तौर पर 65 साल की उम्र के बाद लोगों में यह बीमारी देखने को मिलती है या यूँ कहें कि नौकरी-पेशा से सेवानिवृत्ति के बाद यह समस्या पैदा होती है. इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक है कि जीवन शैली में एकदम से बदलाव आना, जैसे- शरीर में आलसपन का आना, लोगों से बात करने से कतराना, बीमारियों को नजरंदाज करना, भरपूर नींद का न आना, किसी पर भी शक करना आदि. इसके लिए जरूरी है कि जैसे ही इसके लक्षण नजर आएं तो जल्दी से जल्दी चिकित्सक से परामर्श करें ताकि समय रहते उनको उस समस्या से छुटकारा दिलाया जा सके. बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए घर में भी उनपर विशेष ध्यान रखना जरूरी है. परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें. उसे अकेलापन महसूस न होने दें, समय निकालकर उनसे बातें करें. उनकी बातों को कभी नजरंदाज न करें बल्कि उसे ध्यान से सुनें. कुछ ऐसे उपाय करें जिससे कि उनका मन व्यस्त रहे. उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें. निर्धारित समय पर उनके सोने-जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था का ध्यान रखें.

जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने कहा कि अल्जाइमर एक तरह की भूलने की बीमारी है. बढ़ती उम्र के साथ ही दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती है लोगों के सोचने और याद करने की क्षमता कम हो जाती है. इसलिए बुजुर्गों में इसका लक्षण ज्यादा दिखाई देता है. फिलहाल इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है लेकिन उचित देखभाल, बुजुर्गों की ससमय मदद, नियमित व्यायाम, योग आदि से इससे बचा जा सकता है.

डिमेंशिया के लक्षण :

रोजमर्रा की चीजों को भूल जाना, व्यवहार में परिवर्तन आना, रोज घटने वाली घटनाओं को भूल जाना, दैनिक कार्य न कर पाना आदि इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. इसके चलते बातचीत करने में दिक्कत आती है या किसी भी विषय में प्रतिक्रिया देने में विलम्ब होता है. डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रोल, सिर की चोट, ब्रेन स्ट्रोक, एनीमिया और कुपोषण के अलावा नशे की लत होने के चलते भी इस बीमारी के चपेट में आने की सम्भावना रहती है.

जागरूक रहकर करें डिमेंशिया को दूर :

इस भूलने की बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें. नकारात्मक विचारों को मन पर प्रभावी न होने दें और सकारात्मक विचारों से मन को प्रसन्न बनाएं. पसंद का संगीत सुनने, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने, खेलकूद आदि जिसमें सबसे अधिक रुचि हो, उसमें मन लगायें तो इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम और योगा का भी उपयोग किया जा सकता है. दिनचर्या को नियमित रखें क्योंकि अनियमित दिनचर्या इस बीमारी को बढ़ाती है. धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल न करें. यदि डायबिटीज या कोलेस्ट्रोल जैसी बीमारी है तो उसको नियंत्रित रखने की कोशिश करें.

मानसिक स्वास्थ्य सलाह के लिए करें टोल फ्री नंबर पर कॉल :

अगर आप मानसिक तनाव या चिंता महसूस कर रहे हैं तो राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (NIMHANS) के टोल फ्री नंबर- 080-46110007 पर कॉल करके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान पा सकते हैं.

देश में हैं 16 करोड़ से भी ज्यादा बुजुर्ग :

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली की तरफ से अभी हाल ही में जारी एक एडवाइजरी में कहा है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश में करीब 16 करोड़ बुजुर्ग (60 साल के ऊपर) हैं. इनमें से 60 से 69 साल के करीब 8.8 करोड़, 70 से 79 साल के करीब 6.4 करोड़, दूसरों पर आश्रित 80 साल के करीब 2.8 करोड़ और 18 लाख बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनका अपना कोई घर नहीं है या कोई देखभाल करने वाला नहीं है. ऐसे बुजुर्गों में डिमेंशिया के संक्रमण की सम्भावना ज्यादा होती है इसलिए उन बुजुर्गों का ध्यान रखना ज्यादा जरुरी है.

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

2 months ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago