कोरोना के दौर में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य एवं विकास का रखा जाएगा ख्याल
दैनिक गतिविधि कैलेंडर के विषय में माता-पिता को दी जाएगी जानकारी
कटिहार(बिहार)कोविड-19 की रोकथाम के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. कोरोना प्रसार के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने भी बच्चों को घरों में रहने की बात कही है. इस समय यह जरुरी है कि जब बच्चे घरों में रह रहे हैं तब माता-पिता का उनके प्रति व्यवहार भी काफी संयमित, उत्साहवर्धक एवं सुरक्षात्मक हो. इसे ध्यान में रखते हुए आईसीसीडीएस ने भी बेहतर दिनचर्या के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास की पहल की है. इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक आलोक कुमार ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तार से दिशा निर्देश दिया है.
दैनिक गतिविधि कैलेंडर बच्चों के माता-पिता को करेगा सचेत:-
कोरोना संकटकाल के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में स्कूल बंद है एवं बच्चों को घरों पर रहने की हिदायत दी गयी है. ऐसे में बच्चों की बेहतर दैनिक दिनचर्या से कोरोना संकट काल में उन्हें शारीरिक स्वास्थ्य लाभ मिलेगा एवं रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न रहने के कारण उनका उत्साहवर्धन भी होता रहेगा. इसके लिए आईसीडीएस ने दैनिक गतिविधि कैलेंडर तैयार की है. साथ ही आईसीडीएस के सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि यह कैलेंडर व्हाट्सएप एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सभी महिला पर्यवेक्षकाओं एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं को भेज दें. आंगनबाड़ी सेविकाएँ गृह-भ्रमण के दौरान बच्चों के माता-पिता को दैनिक गतिविधि कैलेंडर के विषय में जानकारी देंगी ताकि वे आसानी से अपने घरों में बच्चों के साथ गतिविधि कर सके.
इन विषयों को ध्यान में रखते हुए दैनिक गतिविधि कैलेंडर का किया गया निर्माण:-
नियमित दिनचर्या बनाये रखने की कोशिश: वर्तमान स्थिति में जब आंगनबाड़ी केंद्र बंद है. बच्चे घर पर ही हैं. इसलिए यह जरुरी है कि बच्चों के लिए ऐसी दैनिक दिनचर्या बनायी जा सकती है, जो बच्चों के लिए मनोरंजक, स्वास्थ्यकर एवं बच्चे खेल-कूद में कुछ सीख सकें.
बच्चों के साथ संवाद जरुरी:-
इस महामारी के दौरान बच्चे मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं. इसलिए यह जरुरी है कि बच्चों से बात करने के क्रम में सकारत्मक दृष्टिकोण और ईमानदार रहना बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें माता-पिता एवं देखभाल करने वाले महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.
बच्चे का कुशल नेतृत्व: कुछ बच्चों को गतिविधि करने में उत्सुकता नहीं होती है. ऐसी स्थिति में बच्चे को गतिविधि में शामिल करने के लिए दवाब नहीं बनायें. उन्हें स्वतंत्र रूप से अपना फैसला लेने की छूट दें एवं जब उनकी इच्छा हो तभी उन्हें गतिविधि में शामिल करें.
बच्चों को विकासात्मक-रचनात्मक गतिविधियों में शामिल कर दिनचर्या का निर्माण: बच्चों को ऐसी गतिविधि में शामिल करने की जरूरत है ताकि उनका स्वास्थ्य एवं सर्वांगीण विकास संभव हो सके. जिसमें नियमित व्यायाम, उमुक्त खेल-कूद, चित्र बनाना, कहानी सुनाना, गीत गाना, रोल प्ले आदि क्रियाओं को उत्साहवर्धक बनाया जा सकता है. इससे बच्चों को राहत महसूस होगी कि वे एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण में हैं.
लकड़ी नवीगंज(सीवान)जिला के लकड़ी नवीगंज थाना पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए दो चोरों…
सीवान:112 महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के महाराजगंज के बोर्ड मिडिल स्कूल के खेल मैदान में महागठबंधन समर्थित…
बरबीघा से निर्दलीय उम्मीदवार बन राजनीतिक समीकरणों में हलचल बरबीघा(शेखपुरा)1990 के दशक में बिहार की…
सीवान:जिले के 112 महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र में राजद प्रत्याशी विशाल कुमार जायसवाल को सभी वर्गों…
मनीष वर्मा ने अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर निशाना साधा विपक्ष में बैठे लोगों…
महाराजगंज(सीवान)जनसंपर्क यात्रा के तहत शनिवार को महराजगंज प्रखंड के विभिन्न पंचायतों और गाँवों में जनता…
Leave a Comment