6 माह बाद शिशुओं को दें अनुपूरक आहार : बेबी रानी
टीकाकरण शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए जरूरी
कटिहार(बिहार)बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनके बाल्यवस्था में उन्हें पौष्टिक आहार का दिया जाना जरूरी होता है. नवजात शिशु को पहले छः महीने तक केवल स्तनपान कराने के बाद उन्हें सुपाच्य अतिरिक्त आहार देने से उनके स्वास्थ्य एवं मानसिक स्थिति मजबूत होती है. समेकित बाल विकास परियोजना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बेबी रानी ने अन्नप्राशन दिवस के अवसर पर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह की 19 तारीख को सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है जिसमें छः माह के शिशु को खीर खिलाते हुए उनके माताओ को बच्चों के सम्पूर्ण देखभाल की जानकारी दी जाती है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए आंगनवाड़ी केंद्र बन्द रखा गया है लेकिन इस दौरान आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी और टीकाकरण सम्बंधित सुविधाएं घर घर जाकर उपलब्ध कराई जा रही है. अन्नप्राशन दिवस पर भी सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर छः माह से ऊपर के शिशुओं का अन्नप्राशन कराते हुए उनके बेहतर स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारियां उपलब्ध कराई गई है.
6 माह के बाद से ही शिशुओं को दें अनुपूरक आहार :
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला समन्यवक अनमोल गुप्ता ने बताया नवजात शिशुओं को प्रथम 6 माह केवल स्तनपान ही कराना चाहिए. लेकिन 6 माह के बाद से ही उन्हें थोड़ी मात्रा में सुपाच्य पौष्टिक आहार देना शुरू कर देना चाहिए. वैसे सुपाच्य भोजन में दलिया, खीचड़ी, हलवा, दाल आदि दी जा सकती है. यह शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. उन्होंने बताया 6 माह बाद बच्चों को अनुपूरक आहार देने के साथ ही माताओं को स्तनपान भी जारी रखना चाहिए. अन्नप्राशन दिवस पर सेविकाओं द्वारा माताओं को अनुपूरक आहार के प्रति बच्चों में रुझान बढ़ाने के लिए अनुपूरक आहार को स्वादिष्ट करने के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी गई.
टीकाकरण के महत्व की दी जानकारी :
अन्नप्राशन दिवस पर क्षेत्र की सेविकाओं ने लोगों को शिशुओं के टीकाकरण के महत्व की भी जानकारी दी गई. पोषण अभियान की जिला परियोजना सहायक सोनिया भारती ने इस दौरान बताया कि टीकाकरण बच्चों को गंभीर व घातक बीमारीयों के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए दिया जाता है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि लोग अपने बच्चों को सभी प्रकार के टीके अवश्य लगवाएं. अन्नप्राशन के बाद माताओं को बच्चों के साफ सफाई पर ध्यान देने, समय पर टीकाकरण करवाने आदि की भी जानकारी दी गई.
क्या कहते हैं आंकडें :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (वर्ष 2019-20) के अनुसार कटिहार जिले में 6 माह से 8 माह तक 53.1 प्रतिशत बच्चे है जिन्हें स्तनपान के साथ पर्याप्त आहार दिया जाता है. वहीँ 6 माह से 23 माह के बीच कुल केवल 13.8 प्रतिशत बच्चे हैं जिन्हें पर्याप्त आहार प्राप्त होता है.
अनुपूरक आहार के लिए ध्यान रखें कि :
• 6 माह बाद शिशुओं को अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान भी अवश्य कराना चाहिए.
• स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशु को सुपाच्य भोजन देना चाहिए.
• शिशु को अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर दिया जा सकता है जिससे शिशुओं को अत्यधिक ऊर्जा मिलती है.
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