Home

विश्व एड्स दिवस के लिए जागरूकता अभियान का आयोजन

  • लक्षण दिखते ही शुरू कराएँ इलाज
  • असुरक्षित यौन संबंध से रहें दूर
  • एड्स प्रभावित लोग अपने अधिकार पहचानें

किशनगंज(बिहार)पूरे किशनगंज जिले में विश्व एड्स दिवस मनाया गया। इस दौरान जिला सिविल सर्जन कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एड्स जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन लोगों को एड्स से बचाव को लेकर जागरूक किया गया। सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया, एड्स एक लाइलाज बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु (एचआईवी) संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। रोग रोकथाम एवं निवारण केंद्र द्वारा एड्स के संभावित लक्षण बताये गए हैं। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है, में एड्स के लक्षणों की जाँच विशेष रक्त जाँच (cd4+ कोशिका गणना) के आधार पर की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 वर्ष तक का समय लग सकता है। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जाँच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है। इस प्रकार के संक्रमण को “अवसरवादी” संक्रमण कहा जाता है क्योंकि ये अवसर पाकर कमजोर हो रहे प्रतिरक्षा प्रणाली पर हावी हो जाते हैं जो बाद में एक बीमारी का रूप ग्रहण कर लेती है। एड्स प्रभावित लोगों में हुए कई संक्रमण, जो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं या जानलेवा हो सकते हैं, को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नियंत्रित करती है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है। जागरूकता कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ रफत हुसैन, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन, डॉ देवेन्द कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक विस्वजित कुमार सहित कई अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.

एचआईवी संक्रमित होना जीवन का अंत नहीं:
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया यद्यपि एड्स एक लाइलाज बीमारी है, फिर भी एड्स प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी सकता है। एचआईवी संक्रमित होना जीवन का अंत नहीं हैं क्योंकि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति भी सही चिकित्सीय मदद एवं सहयोग से लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकता है। एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी अगर समय से शुरू कर दी जाए तो इस बीमारी के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके फलस्वरूप शरीर की प्रतिरोधक क्षमता फिर से बढ़ जाती है, बीमारी का बढ़ना बंद हो जाता है एवं अन्य अवसरवादी संक्रमणों के फैलने की आशंका भी घट जाती है। इस तरह एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी एड्स के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। अतः एचआईवी/एड्स प्रभावित व्यक्ति भी स्वस्थ एवं दीर्घजीवन जी सकता है।

लक्षण दिखते ही शुरू कराएँ इलाज :
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया, एड्स छुआछूत बीमारी नहीं है। इसलिए, पीड़ित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का अनावश्यक भेदभाव नहीं करें। यह हाथ मिलाने, साथ उठने-बैठने, कपड़े आदान-प्रदान करने से नहीं होता है। बल्कि, असुरक्षित शारीरिक संबंध, खून के आदान-प्रदान समेत अन्य प्रकार के संपर्क होने से होता है। साथ ही साथ किसी भी व्यक्ति को एड्स का लक्षण दिखे या महसूस हो तो तुरंत उन्हें चिकित्सकों से जाँच कराकर इलाज शुरू करना चाहिए। साथ हीं चिकित्सा परामर्श का पालन करना करना जरूरी है। ताकि परिवार के अन्य लोग इन बीमारियों के दायरे से दूर रह सकें और पीड़ित व्यक्ति का भी समय पर इलाज शुरू हो सके।
एड्स प्रभावित लोग अपने अधिकार पहचानें:
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया भारतीय संविधान में सभी भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं, समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के खिलाफ़ अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति एवं शिक्षा का अधिकार, संवैधानिक अधिकार अतः यह मायने नहीं रखता है कि कोई व्यक्ति एचआईवी से प्रभावित है या नहीं। ये मौलिक अधिकार सभी को प्राप्त हैं। हमें उनके अधिकारों का सम्मान करते हुए उन्हें भी वही मान-सम्मान देना चाहिए जो हम अन्य सामान्य व्यक्तियों को देते है ताकि एचआईवी/एड्स प्रभावित लोग भी सामान्य जीवन जी सकें।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन:

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।
Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago