Categories: Home

टीबी दिवस को लेकर मार्च महीने में चलेगा जागरूकता अभियान, चिह्नित गांवो में मरीज़ों की खोजबीन करना है जरूरी

टीबी को जड़ से मिटाने के लिए जन आंदोलन के रूप में लड़ने की है जरूरत: बीडीओ

खोजी अभियान में एसटीएस की भूमिका महत्वपूर्ण: एमओआईसी

टीबी के मरीजों को सहयोग करने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को दी जाती हैं प्रोत्साहन राशि: डीपीसी

निक्षय योजना के तहत दी जाती है प्रोत्साहन राशि: डीपीएस

चिह्नित गांव में संचालित किया जायेगा विशेष अभियान: आलोक पटनायक

टीबी के मरीजों की जांच व दवा उपलब्ध किया जाता निःशुल्क: डॉ दिलीप

पूर्णिया(बिहार)राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलता के लिए पूरे देश में “टीबी हारेगा-देश जीतेगा” अभियान को मूर्त रूप देने को लेकर ज़िले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न तरह से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।जिसके तहत शनिवार को यक्ष्मा विभाग, केयर इंडिया व डब्ल्यूएचओ के द्वारा कृत्या नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभागार में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित सभी लोगों के बीच जागरूकता को लेकर हैंडबिल का वितरण किया गया ।
टीबी रोग के प्रति आगाह करते हुए इससे बचाव से संबंधित उपाय व उपचार के लिए उपलब्ध इंतजाम की जानकारी दी गयी। इस दौरान स्थानीय प्रखण्ड की सीडीपीओ रजनी गुप्ता, सीफ़ार के धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डब्ल्यूएचओ के अजित मिश्रा, डॉ प्रभुनाथ राय, बीएचएम शकील अंसारी, बीसीएम कंचन कुमारी, केयर इंडिया के बीएम शुभम श्रीवास्तव, एसटीएस श्वेता कुमारी, बीसी अंजली पोद्दार, स्वास्थ्य प्रशिक्षक संजय सिंह सहित प्रखंड के सभी महिला पर्यवेक्षिका, आशा कार्यकर्ता व टीबी चैंपियन उपस्थित थे।

टीबी को जड़ से मिटाने के लिए जन आंदोलन के रूप में लड़ने की है जरूरत: बीडीओ
नगर प्रखंड के बीडीओ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया वैश्विक महामारी कोविड-19 जैसा यह एक संक्रामक बीमारी है। जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ जन आंदोलन के रूप में लड़ने की जरूरत है। अमूमन ऐसा देखा गया है कि टीबी के मरीज गरीब परिवारों के बीच से ही आते हैं। यह कुपोषित व्यक्तियों या बच्चों में सबसे ज्यादा देखने को मिलता है।

खोजी अभियान में एसटीएस की भूमिका महत्वपूर्ण: एमओआईसी
एमओआईसी डॉ शशिचन्द झा ने बताया टीबी संक्रमित मरीज़ों के इलाज में किसी भी तरह का कोई निजी खर्च वहन नहीं करना पड़ता है। दवा सहित अन्य जांच के लिए सरकारी स्तर पर सब कुछ उपलब्ध है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मियों व एसटीएस के माध्यम से खोजी अभियान में तेजी लाना बेहद ही जरूरी है। इससे टीबी के मरीजों की जल्द से जल्द पहचान की जा सकती है।

टीबी के मरीजों को सहयोग करने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को दी जाती है प्रोत्साहन राशि: डीपीसी
डीपीसी आलोक कुमार ने बताया टीबी मुक्त अभियान के आंदोलन में डब्ल्यूएचओ एवं केयर इंडिया की टीम ज़िले के सभी प्रखंडों में एसटीएस, एसटीएलएस एवं एलटी के साथ ही यक्ष्मा सहायकों को प्रखंड स्तर पर सहयोग कर रही है।इसके साथ ही सामुदायिक स्तर पर अन्य गतिविधियों में भी सहयोग किया जाना सुनिश्चित किया गया है। स्थानीय स्तर पर आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका सहित स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्थाओं के कर्मियों का सहयोग लिया जा रहा है।
निक्षय योजना के तहत दी जाती है प्रोत्साहन राशि: डीपीएस
वहीं डॉट प्लस समन्वयक राजेश शर्मा ने बताया टीबी के मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत डीबीटी के माध्यम से प्रति माह 500 रुपये के पोषाहार के रूप में राशि दी जाती है। वहीं टीबी मरीजों के नोटीफाइड करने पर निजी चिकित्सकों को 500 रुपये तथा उस मरीज को पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद भी निजी चिकित्सकों को 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वहीं ट्रीटमेंट सपोर्टर को अगर कोई टीबी के मरीज छह माह में ठीक हो गया है तो उसे 1000 रुपये तथा एमडीआर के मरीज के ठीक होने पर 5000 रुपये की प्रोत्साहन दी जाती है। अगर कोई आम व्यक्ति भी किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में लेकर आता है और उस व्यक्ति में टीबी की पुष्टि होती है तो लाने वाले व्यक्ति को भी 500 रुपये देने का प्रावधान है।
चिह्नित गांव में संचालित किया जायेगा विशेष अभियान: आलोक पटनायक
केयर इंडिया के डिटीएल आलोक पटनायक ने बताया वर्ष 2019 में लगभग 1 लाख 20 हजार मरीज़ों की संख्या थी जबकिं वर्ष 2020 में मरीज़ों की संख्या घटकर 99 हजार के आसपास हो गई है। लेकिन अब जनांदोलन के तहत विशेष अभियान के तहत वैसे गांव, टोला व बस्ती को चिह्नित करना है जहां टीबी के मरीजों की संख्या ज्यादा हैं। इन गांवों में विशेष शिविर का आयोजन कर टीबी संक्रमण जैसे लक्षण वाले लोगों की बलगम जांच कराने की जरूरत है। टीबी संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार के लिए प्रेरित किया जायेगा। ताकि टीबी के मरीजों का समुचित इलाज संभव हो सके।

टीबी के मरीजों की जांच व दवा निःशुल्क: डॉ दिलीप
डब्ल्यूएचओ के ज़ोनल समन्यवक डॉ दिलीप कुमार झा ने बताया टीबी एक संक्रामक बीमारी है। लेकिन सामूहिक रूप से भागीदारी होने के बाद इसे जड़ से मिटाया किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी की शिकायत हो तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपने बलगम की जांच करा लेनी चाहिए। बलगम के साथ खून आना या नहीं आना, शाम के समय बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर का वजन कम होना, सीने में दर्द की शिकायत, रात में पसीना आना टीबी रोग से जुड़े लक्षण हो सकते हैं। टीबी संक्रमण की पुष्टि होने पर पूरे कोर्स की दवा रोगी को मुफ्त उपलब्ध करायी जाती है। जांच से इलाज की पूरी प्रक्रिया बिल्कूल नि:शुल्क है।

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago