• तेज हवा,बारिश व खराब मौसम के कारण बढ़ गया है वज्रपात का प्रकोप
• वज्रपात के पूर्व चेतावनी के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्माण किया गया है ‘इन्द्रवज्र’ एप्प
• खराब मौसम में नहीं निकले घर से बाहर
पूर्णियाँ(बिहार)जिले में मानसून प्रवेश कर चुका है. इस मौसम में किसी भी समय बारिश का होने के साथ ही बिजली कड़कने या वज्रपात की संभावना बनी रहती है. इसलिए ऐसे समय में लोगों को बचाव के लिए जागरूकता बहुत जरुरी है. बारिश के दौरान बिजली के कड़कने से घर से बाहर उपस्थित लोग इसके चपेट में आ सकते हैं और इससे लोगों की जान तक जा सकती है. इसलिए ऐसे समय में जितना हो सके बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचें. अगर आप बारिश के दौरान घर से बाहर हैं तो बिजली कड़कने से पूर्व सुरक्षित जगह पर जरूर पहुंचने का प्रयास करें.
वज्रपात की चेतावनी देने के लिए जारी किया गया है ” इन्द्रवज्र” एप्प :
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वज्रपात(ठनका) की पूर्व चेतावनी देने के लिए एक मोबाइल ऐप्प “इन्द्रवज्र” का निर्माण किया गया है, जो लोगों को ठनका गिरने की जानकारी दे कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचने का निर्देश देता है. इस एप्प को गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाऊनलोड किया जा सकता है. इस मोबाइल एप्प को डाऊनलोड करने के बाद व्यक्ति को लगभग 20 कि.मी. की परिधि में वज्रपात की चेतावनी के संदेश 40 से 45 मिनट पूर्व ही अलार्म टोन के माध्यम से दे दी जाएगी. इससे लोग समय रहते ही सुरक्षित स्थान पर पहुंच कर खुद को वज्रपात के चपेट से बचा सकते हैं.
सरकार द्वारा किया गया है मुआवजे का प्रावधान :
वज्रपात के चपेट में आने से अगर कोई व्यक्ति घायल होता है या किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए सरकार की तरफ से मुआवजे का प्रावधान किया गया है. वज्रपात से व्यक्ति की मृत्यु पर आश्रित को 4 लाख रुपये जबकि घायल हुए व्यक्ति को 4300 से 2 लाख रुपये तक का मुआवजा राशि सरकार द्वारा दिया जाता है. इसके अलावा वज्रपात के कारण अगर किसी का घर क्षतिग्रस्त होता है तो उन्हें भी सरकार द्वारा मुआवजा दी जाती है. प्रति झोपड़ी की क्षति पर 2100 रुपये जबकि कच्चा या पक्का मकान के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर 95100 रुपये तक की राशि सरकार द्वारा दिया जाता है. दुधारू गाय, भैंस की मृत्यु पर 30000, बैल, भैंसा पर 25000 व भेड़, बकरी पर 3000 रुपये प्रति पशु मुआवजा राशि देने का प्रावधान है.
वज्रपात से बचाव के लिए क्या न करें :
• खिड़की, दरवाजे, बरामदे में या छत पर न जाएं.
• बिजली के उपकरणों से सम्पर्क हटा दें व तार के संपर्क से बचें.
• तालाब या जलाशय के समीप न जाएं.
• बाहर होने की स्थिति में बाइक, बिजली, टेलीफोन खम्भा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें.
• ऊंचे इमारत(मकान) वाले क्षेत्रों, पेड़, खम्भे की शरण न लें क्योंकि ये आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
वज्रपात से बचाव के लिए ध्यान रखें :
• पक्के मकान में शरण लें.
• सफर के दौरान अपने वाहनों में ही बने रहें.
• समूह में न रहकर अलग-अलग रहें.
• संचार साधनों से मौसम की जानकारी लेते रहें.
• यदि आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हैं तो
• जहां हैं वही रहें व पैरों के नीचे सुखी चीजें जैसे – लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखा पत्ता रखें.
• दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन के तरफ झुका लें.
• सिर को जमीन में न सटने दें.
• जमीन पर बिल्कुल भी न लेटें.
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