Categories: Home

शिशुओं की जन्मजात विकृतियों को लेकर रहें सावधान, करें चिकित्सक से संपर्क

  • जन्म के बाद शिशुओं को होती है विभिन्न जटिलताएं, आशा व एएनएम की मदद से करें विकृतियों की पहचान
  • नवजात शिशुओं के लिए एसएनसीयू में उपलब्ध होती है विशेष सुविधा

पूर्णिया(बिहार)बच्चे का जन्म सभी परिवार के लिए खुशी का अवसर होता है लेकिन अगर बच्चा किसी जन्मजात विकृतियों का शिकार है तो इसकी पहचान सही समय पर जरूरी है. सही समय पर विकृतियों की पहचान कर इसका समुचित इलाज शिशु को नया जीवन दे सकता है. इसके लिए परिवार को विशेष ध्यान रखना जरूरी है. गर्भवती महिला को अपने गर्भावस्था के समय नियमित अपनी स्वास्थ्य जाँच कराने के साथ-साथ खानपान पर भी ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही शिशु का जन्म अस्पतालों में ही कराना जरूरी है. अस्पतालों में शिशुओं का जन्म के साथ ही स्वास्थ्य जांच के अलावा जरूरी टीका की दिया जाता है जो उन्हें होने वाले बीमारियों से बचाए रखता है.

जन्मजात विकृतियों की समय पर पहचान जरूरी :
सदर अस्पताल की जीएनएम अंशु कुमारी ने बताया कि जन्म के बाद से ही नवजात शिशुओं को कई तरह की जटिलताएं हो सकती है. इसमें से सांस लेने में तकलीफ, वजन कम होना, मल त्याग में परेशानी, पैरों का मुड़ा होना, माथे का आकार सामान्य से अधिक होना, स्पाइनल कॉर्ड, हृदय सम्बंधित समस्या जैसी अनेक परेशानियाँ हो सकती है. अगर शिशु का जन्म अस्पताल में होता है तो वहां शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होते हैं जो समय रहते उन समस्याओं का निदान कर सकते हैं. इससे शिशु को जल्द ही इन तकलीफों से निकाला जा सकता है.

एसएनसीयू में उपलब्ध है विशेष सुविधा :
जन्मजात विकृतियों की सही समय पर पहचान कर उनका समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है. समुदाय स्तर पर आशा या आंगनवाड़ी सेविकाएँ घर-घर जाकर शिशु के स्वास्थ्य की जांच करती है जहां उनके द्वारा शिशुओं के जन्मजात विकृतियों की पहचान की जा सकती है. नियमित टीकाकरण के समय एएनएम द्वारा भी शिशु के स्वास्थ्य की पूरी तरह जांच की जाती है. समुदाय स्तर पर जन्मजात विकृति की पहचान होने पर उन्हें सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) भेजा जाता है. एसएनसीयू में विशेष चिकित्सकों की देखरेख में इलाज किया जाता है. अधिक नाजुक स्थिति में शिशु को बेहतर अस्पताल या मेडिकल कालेज भी रेफर किया जाता है जहां उन्हें विशेष जांच कर बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाता है.

नवजात को जन्मजात विकृति से बचाने के लिए गर्भवती महिलाएं ध्यान रखें कि :

• गर्भावस्था के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फ़ल, दाल एवं फ़ोलिक एसिड युक्त आहार का अधिक सेवन किया जाए
• गर्भावस्था के दौरान कम से कम 3 प्रसव पूर्व जाँच जरुर करायें
• किसी भी प्रकार का दवा सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह जरूर लें
• गर्भावस्था के दौरान शराब या ध्रूमपान का सेवन न करें
• गर्भावस्था के दौरान साफ़-सफाई पर ध्यान दें

Mani Brothers

Leave a Comment

Recent Posts

कटिहार में दास बेकर्स के रिटेल काउंटर का उदघाटन

बेकरी कार्य में रोजगार की असीम संभावनाएं- नेहा दास लक्ष्मीकांत प्रसाद- कटिहारआधुनिकता के दौर में…

1 month ago

विश्व में शांति स्थापित करने के लिए सभी धर्म के लोगों को एक साथ आना होगा

2023 में रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध और कई अंतरराष्ट्रीय विवादों जैसे संघर्षों में 33,000 से…

1 month ago

बीडीओ के तबादला होने पर हुआ विदाई सह सम्मान समारोह आयोजित

भगवानपुर हाट(सीवान)बीडीओ डॉ. कुंदन का तबादला समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के बीडीओ के पद पर…

2 months ago

तेज रफ्तार वाहन के धक्का मरने से बाइक सवार पिता पुत्र घायल,सीवान रेफर

सीवान(बिहार)जिले के भगवानपुर हाट थाना क्षेत्र के हिलसर पेट्रोल पंप के पास एनएच 331 पर…

2 months ago

Beyond Headlines: Global Journalists United for Peace Journalism amidst theChallenges of the Unstable International Situation

On 17th February, the international peace organization, Heavenly Culture, World Peace, Restoration of Light (HWPL),…

2 months ago

विश्व में शांति निर्माण को लेकर ऑनलाइन बैठक

20 जनवरी को, विभिन्न अफ्रीकी देशों में अंतर्राष्ट्रीय शांति संगठन, HWPL द्वारा '2024 HWPL अफ्रीका…

3 months ago