हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. सी.वी. रमन की याद में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। विश्वविद्यालय में विज्ञान दिवस पर आयोजित प्रदर्शनी का विषय ‘विज्ञान में महिलाएँ‘ था। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों सहित विभिन्न महाविद्यालयों व विद्यालयों के विद्यार्थियों ने अपने मॉडल प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने सभी माडलों का अवलोकन किया और विद्यार्थियों व विभागों को प्रोत्साहित किया। कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि आज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। वैज्ञानिक शोध एवं अनुसन्धान के क्षेत्र में भी महिलाएँ लगातार अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। आज महिलाएँ अपनी प्रतिभा के बल पर विज्ञान के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट योगदान की दिशा में अग्रसर है। कुलपति ने ग्रामीण स्तर पर विज्ञान के महत्त्व को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि हमें इसके लिए युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
कुलपति ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने अपने शोध व अध्ययन कार्यों को प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने कहा कि भारत को आगे बढ़ाने में विज्ञान की भूमिका अहम है। उन्होंने बताया कि भारत आज से नहीं बल्कि पुरातन काल से विज्ञान के मोर्चे पर विश्व में सबसे आगे रहा है। फिर वह चाहे वेदों में सौर मण्डल की बात हो या फिर वनस्पति विज्ञान की। इस अवसर पर विशेषज्ञ वक्ता सेन्टर फॉर एपाल्यड रिसर्च इन इलेक्ट्रोनिक्स, आईआईटी, दिल्ली के मानद प्रोफेसर विक्रम कुमार ने गेलियम नाइट्रेट के संबंध में विस्तार से चर्चा की और इलैक्ट्रोनिक उपकरणों के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए इसकी आज के दौर में महत्ता पर भी प्रकाश डाला। प्रो. कुमार ने विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न बदलावों से अवगत कराया और कहा कि इस क्षेत्र में उल्लेखनीय शोध के लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है।
विश्वविद्यालय की ओर से इस मौके पर विभिन्न विभागों को एक निर्धारित पैमाने के तहत स्टार रैंकिंग भी प्रदान की गई। रसायन विज्ञान विभाग को 5 स्टार, जैवप्रौद्योगिकी विभाग को 4 स्टार, सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग को 3 स्टार, अर्थशास्त्र विभाग को 2 स्टार व शिक्षा पीठ को 1 स्टार प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में विज्ञान और उसके महत्त्व के संबंध में कार्यक्रम संयेाजक प्रो. दीपक पंत ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया और बताया कि किस तरह से विज्ञान हमारे जीवन में बदलाव लाया है।
विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत मॉडलों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व प्रोत्साहन पुरस्कार से नवाजा गया। प्रथम पुरस्कार रसायन विज्ञान विभाग को दिया गया। द्वितीय पुरस्कार विश्वविद्यालय के बी.वॉक. औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन विभाग को प्राप्त हुआ। इसी कड़ी में तृतीय पुरस्कार विश्वविद्यालय के बी.टेक. विभाग को दिया गया। इसी तरह दो प्रोत्साहन पुरस्कार अंग्रेजी व इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग को प्रदान किया गया।
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