हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय वर्ष 2019-20 का केन्द्रीय बजट किसानों, महिलाओं, ग्रामीणों, गरीबों और पर्यावरण सबके लिए हितकर है। इसमें भारतीय समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए देश के विकास का लक्ष्य रखा गया है। हर भारतीय को घर, हर घर को पानी, गैस कनेक्शन, बिजली कनेक्शन देने की योजना है, पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों को बढ़ावा देने, जल बचाने आदि की प्रावधान किया गया है, जो सराहनीय है। ये विचार हैं हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. सी कुहाड़ के जो उन्होंने 2019 का बजट प्रस्तुत होने पर व्यक्त किये।
प्रो. कुहाड़ ने कहा कि सरकार ‘हर घर नल जल’ योजना की घोषणा की है। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों को मिलाकर एक जल शक्ति मंत्रालय बनाने जा रही है, जिससे समग्र रूप से जल संसाधनों का प्रबंधन एवं समुचित पेयजलापूर्ति हो सके। भूमि हरी-भरी होगी और पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि हर गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा, भारी वाहनों को अनावश्यक रूप से शहरों में प्रवेश नहीं करना होगा, जिससे वायु प्रदूषण पर लगाम लगेगी। जन-धन खातों में 5000 तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा दी जाएगी। महिलाओं को 1 लाख तक का लोन दिया जाएगा। किसानों के लिए बजट बढ़ाकर 1.39 लाख करोड़ कर दिया गया है। अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने के लिए प्राइवेट उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में आगे बढ़ सके। कम पानी में होने वाली फसलों को भी सरकार बढ़ावा देने की बात कर रही है, जो सराहनीय है। प्रो. कुहाड़ कहते हैं कि वे स्वयं सूक्ष्मजीवविज्ञान के क्षेत्र से आते हैं, लेकिन वे एक किसान परिवार से हैं। महिलाओं को सुरक्षा देने एवं उनके विकास के लिए नारी नारायणी योजना का प्रारंभ किया जा रहा है, जो महिलाओं के लिए निश्चय ही लाभकारी सिद्ध होगा।
प्रो. आर. सी कुहाड़ शिक्षा के प्रश्न पर कहते हैं मैं शिक्षा के क्षेत्र से काफी लंबे समय से जुड़ा हुआ हूं। केंद्रीय बजट में बीते वित्त वर्ष के मुकाबले स्कूली शिक्षा के लिए करीब 6 हजार करोड़ अतिरिक्त और उच्च शिक्षा के लिए करीब 5 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त का प्रावधान किया गया है। सरकार के इस कदम से साफ है कि भारत को शिक्षा का हब बनाने के लिए सरकार नेकनीयती के साथ अग्रसर है। नई शिक्षा नीति में जो प्रयास किए जा रहे है वो स्कूली व उच्च शिक्षा को सही दिशा प्रदान करने में मददगार साबित होंगे। स्कूली शिक्षा में भी विद्यार्थियों में वोकेशनल नॉलेज और शोध की प्रवृत्ति विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार का यह प्रयास विद्यालय और विश्वविद्यालयों के बीच के मौजूदा अंतर को खत्म करने का कार्य करेगा। मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि स्कूल से कॉलेज और कॉलेज से विश्वविद्यालय जुड़ कर काम करें।
अंत में सबकुछ समेटते हुए हकेंवि के कुलपति ने कहा कि कुल मिलाकर केन्द्रीय बजट जनता के लिए काफी आशाजनक, संतुलित और स्पष्ट है, जिसमें समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है।
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