मधुबनी:जिला प्रशासन के निर्देश पर कलुआही प्रखंड में बाल श्रमिकों की मुक्ति के लिए धावा दल ने सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान मोहन सिंह की मिठाई दुकान से एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया। उसे बाल कल्याण समिति, मधुबनी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देश पर उसे बाल गृह में रखा गया है।
धावा दल में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बासोपट्टी अभय कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बिस्फी हामिद गफूर, सर्वो प्रयास संस्थान के प्रतिनिधि अनिल कुमार सी सिंह और मोहन प्रसाद हवलदार शामिल थे।
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत दुकान मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। टीम ने कलुआही प्रखंड के अन्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में भी लोगों को जागरूक किया। बताया गया कि किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में बाल श्रमिक से काम कराना गैरकानूनी है। ऐसा करने पर ₹20 हजार से ₹50 हजार तक जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, नियोजक से ₹20 हजार प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि वसूली जाएगी। यह राशि जिलाधिकारी के नाम से संचालित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास सह कल्याण कोष में जमा होगी। राशि नहीं देने पर नियोजक के खिलाफ सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा।
धावा दल का यह अभियान हर सप्ताह चलाया जा रहा है। जिले के सभी प्रखंडों और नगर निकाय क्षेत्रों में बाल श्रमिकों को काम पर रखने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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