ठंड के बढ़ने से बुजुर्ग ब्लड प्रेशर, हाइपोथर्मिया जैसी समस्या के हो सकते हैं शिकार:
बच्चों को ठंड लगने से निमोनिया होने के आसार:
सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ निरंतर दवाओं का सेवन जरूरी:
पूर्णिया(बिहार)पिछले कुछ दिनों में बर्फ व बारिश के शुरू होने से ठंड की समस्या बढ़ गई है। दिन में धूप के न निकलने और आकाश में बादल छाए रहने से लोगों को और अधिक ठंड का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।खासकर अगर घर में बच्चे, बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति हैं तो उसे और अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। ठंड के बढ़ने से ऐसे लोग जल्द ही बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। क्योंकि बच्चों, बुजुर्गों या बीमार व्यक्तियों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए ऐसे समय में लोगों को सतर्क रहना चाहिए। जिससे कि वे ठंड के मौसम में सुरक्षित रह सकें।
ठंड के बढ़ने से बुजुर्ग ब्लड प्रेशर, हाइपोथर्मिया जैसी समस्या के हो सकते हैं शिकार:
सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया कि ठंड के समय में बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों को अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। बढ़ते ठंड में वैसे बुजुर्ग जिन्हें सांस और हृदय रोग जैसी समस्या है उनकी दिक्कतें बढ़ जाती है । ठंड बढ़ने से वैसे लोगों के ब्लड प्रेशर, हाइपोथर्मिया, नस व हड्डी के जोड़ों के दर्द बढ़ने की संभावना होती है। ठंड से राइनो वायरस की सक्रियता भी बढ़ जाती है जिससे लोग खांसी, जुकाम, फेफड़ों में इंफेक्शन, सांस की समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि बढ़ते ठंड में बुजुर्गों को हाइपोथर्मिया ग्रसित होने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे उसके ब्लड प्रेशर कम होने और शरीर के विभिन्न अंगों के ठीक से काम करने में समस्या हो सकती है। इस दौरान बुजुर्गों के खून की नसें सिकुड़ने की भी संभावना होती है। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने या हार्ट अटैक होने का भी डर होता है। इससे सुरक्षा के लिए बुजुर्गों को ठंड के दौरान पूरी तरह सावधानी बरतने की आवश्यकता है। घर से बाहर नहीं निकलने, पूरी तरह गर्म कपड़ों का उपयोग करने, गर्म पानी का सेवन करने, अलाव से शरीर को गर्म रखने की जरूरत है। जिससे वह ठंड के प्रकोप से सुरक्षित रह सकें।
बच्चों को ठंड लगने से निमोनिया होने के आसार:
ठंड के मौसम में बुजुर्गों के साथ बच्चों को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है। ठंड लगने से बच्चे निमोनिया या डायरिया जैसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं। इससे सुरक्षित रहने के लिए बच्चों को ठंड के समय में खुले में रखने से बचना चाहिए। किसी तरह की समस्या के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल में चिकित्सकों से परामर्श लेना चाहिए। लोगों को बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी तरह के दवा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
सावधानी व सतर्कता बरतने के साथ निरंतर दवाओं का सेवन जरूरी :
बढ़ते ठंड में लोगों को सावधानी व सतर्कता का ध्यान रखने के साथ ही बीमार लोगों, बुजुर्गों या छोटे बच्चों को निरंतर आवश्यक दवाओं का सेवन जरूरी है। उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वह जल्द ही बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इसलिए ठंड के दौरान बीमार लोगों को पूर्व से उपयोग की जा रही दवाओं का पूरी तत्परता से उपयोग करना चाहिए। किसी तरह की परेशानी होने पर चिकित्सकीय सहायता लेना चाहिए।
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