पूर्णिया(बिहार)पांच दिवसीय अनुराष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत जिले के केनगर प्रखंड के बनभाग मुसहरी में जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा द्वारा बच्चों को दो बूंद ड्राप पिलाकर की गई. इस दौरान सिविल सर्जन ने जिले के सभी लोगों को अपने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 बूंद पोलियो की दवा जरूर पिलाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पोलियो शरीर को लकवाग्रस्त कर देने वाली एक गंभीर बीमारी है. यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है पर बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इससे ग्रस्त होने की सम्भावना ज्यादा होती है. इसलिए पोलियो को होने से पहले ही रोक देने के लिए 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को नियमित रूप से दो बूंद पोलियो की खुराक दी जाती है. सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो से पक्की सुरक्षा के लिए दो बूंद की पोलियो खुराक आवश्य पिलानी चाहिए. उद्घाटन के दौरान सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा के साथ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान, यूनिसेफ एसएमसी मुकेश गुप्ता, डब्लूएचओ एसएमओ डॉ. अनिसुर रहमान भुइयां, केनगर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस.सी. झा, बीएचएम शकील अंसारी, बीसीएम कंचन कुमारी, बीएएम शम्भू नाथ दास, केटीएस राजेश गोस्वामी, हेल्थ एजुकेटर संजय सिंह के साथ ही स्थानीय आशा, एएनएम आदि उपस्थित रहे.
लकवाग्रस्त बीमारी है पोलियो :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया कि पोलियो एक खतरनाक लकवाग्रस्त बीमारी है. पोलियो ज्यादातर रीढ़ के हिस्सों व मस्तिष्क को ज्यादा नुकसान पहुँचता है. किसी भी उम्र में यह बीमारी हो सकती है लेकिन बचपन में इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है इसलिए लोगों को अपने बच्चों को पोलियो की दवा जरूर पिलानी चाहिए. पोलियो ड्रॉप के साथ ही बच्चों को सम्पूर्ण टीकाकरण भी करवाना चाहिए जो बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाए रखता है. सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों पर सम्पूर्ण टीकाकरण सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है. इसलिए सभी लोगों को अपने बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने के साथ ही सम्पूर्ण टीकाकरण जरूर कराना चाहिए.
7.85 लाख बच्चों को पिलाया जाएगा पोलियो खुराक :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया कि जिले में कुल 7 लाख 85 हजार 857 बच्चों को पोलियो की ड्राप पिलाया जाना है. इसके लिए 1607 हाउस टू हाउस टीम, 158 ट्रांजिट टीम व 52 मोबाइल टीम लगाया गया है. टीम द्वारा कुल 6 लाख 70 हजार 369 घरों, 33 ईंट भट्ठों के साथ ही 3081 हाई रिस्क गांवों/टोलों में भी जाकर बच्चों को दवा पिलाया जाना है. कार्य के निरक्षण के लिए 600 सुपरवाइजर लगाए गए हैं. जिले में कुल 50 हजार 700 वॉयल बी.ओ.पी.भी. की मात्रा उपलब्ध कराई गई है.
कोरोना संक्रमण से बचाव का भी रखा जाएगा ध्यान :
यूनिसेफ एसएमओ मुकेश गुप्ता ने बताया कि पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव का भी पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा. कर्मियों द्वारा दवा पिलाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क, ग्लव्स के पूरी तरह इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है. संक्रमण को ध्यान में रखते हुए बच्चों को ड्रॉप पिलाने के बाद हाथ में मार्कर से किसी तरह का निशान भी नहीं लगाया जाएगा.
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