बच्चों को पहनाएं हल्के कपड़े, खूब पिलाएं पानी:
मधेपुरा(बिहार)जिले में तापमान में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। कोरोन संक्रमण के बीच बढ़ते तापमान से लोगों को परेशानी होने लगी है। ऐसे में बच्चों की सेहत का ध्यान रखना अधिक जरुरी हो गया है। बच्चों का शरीर बड़ों की तरह विकसित नहीं होता इस वजह से उनका शरीर तापमान को घटाने और रेगुलेट करने की क्षमता कम रखता है। ऐसे में बच्चों की सेहत का ध्यान रखने के लिए इन टिप्स का प्रयोग कर सकते हैं।
बच्चों को पहनाएं हल्के कपड़े, खूब पीलाएं पानी:
जिला सदर अस्पताल शिशु रोग विशषज्ञ डॉ. यश शर्मा कहते हैं बच्चों को हल्के रंग के तथा जितना हो सके सूती कपड़े पहनाएं। इस प्रकार के कपड़े आरामदायक होने के साथ पसीना भी सोख लेते हैं। अन्य प्रकार के कपड़ों से पसीना शरीर पर ही बना रहता है। जिससे बच्चे परेशान होते हैं। गर्मी के मौसम में बच्चों को जितना हो सके पानी पिलाएं। गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी जल्दी हो जाती है। बच्चे के शरीर में पानी की कमी होने के कारण उनके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। पानी में चीनी का प्रयोग न करें। बच्चे को मां का दूध जरूर पिलाएं। अगर बच्चे स्तनपान करने की अवस्था में हैं तो उन्हें थोड़े-थोड़े समयांतराल पर स्तनपान कराते रहें। इससे उनके शरीर में पानी की मात्रा पूरी होती रहेगी।
अत्यधिक गर्मी में बच्चों में हीट स्ट्रोक का होता है खतरा:
डॉ.यश ने बताया कि बच्चों का शरीर गर्म है तो जरूरी नहीं कि सामान्य बुखार ही हो। यह हीट स्ट्रोक यानी उन्हें लू लग सकता है।उनका कहना है कि दिन-ब-दिन बढ़ रही गर्मी में बच्चों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। एक साल से छोटे बच्चों के लिए यह घातक हो सकता है। तापमान के बढ़ने के साथ शरीर का तापमान भी बढ़ने लगता है। दिमाग की एक ग्रंथी हाइपो थैलेमस शरीर के हीट रेग्युलेटरी सिस्टम की तरह काम करता है। यह शरीर के टेंपरेचर को संतुलित रखने का काम करता है। तेज गर्मी के कारण कई बार ग्रंथी में कमजोरी आ जाती है और यह काम करना बंद कर देता है। ऐसे में तापमान का संतुलन बिगड़ जाता है। शरीर की अत्यधिक हीट बाहर नहीं निकल पाती। इससे शरीर गर्म होने लगता है। शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन से भी ऐसा होता है।
बच्चों को गर्मी से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान:
डॉ.यश शर्मा ने कहा कि बुखार होने पर बच्चों को नार्मल पानी से पोछे और गर्म पानी या ठंडे पानी का प्रयोग नहीं करना है। कड़ी धूप में जब भी बाहर निकलें छाता का उपयोग करें। घर के आस पास पानी इकट्ठा नहीं होने दें इससे मच्छर उत्पन्न होता है और यह भी एक बीमारी का कारण होता है।
इन बातो का भी रखें ध्यान
-जितना ज्यादा हो सके नवजातों को मां का दूध ही पिलाएं, इससे उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
-नवजातों के शरीर को ज्यादा ढक के न रखें। सूती कपड़े ही पहनाएं। धूप में बाहर ले जाने से बचें।
-नवजातों को ठंडे कमरे में रखें, पंखा चलने दें।
-शरीर के ज्यादा गर्म होने पर शरीर पर समय-समय पर गीले कपड़ा फेरते रहें।
-दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को पानी के अलावा मिनरल्स भी दें।
-कमरे के तापमान को 30 डिग्री तक रखने का प्रयास करें।
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