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आपातकाल की 50वीं बरसी पर संविधान हत्या दिवस मनाया गया

पटना:आपातकाल की 50वीं बरसी पर मंगलवार को बिहार समेत पूरे देश में संविधान हत्या दिवस मनाया गया। राजधानी पटना के अधिवेशन भवन सभागार में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्मित टेलीफिल्म दिखाई गई। इसमें आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हुए दमन को दिखाया गया।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 25 जून 1975 देश के लोकतंत्र का सबसे काला दिन था। उन्होंने कहा,उस दिन लोकतंत्र को झकझोर दिया गया। जेपी आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हजारों युवाओं को बिना सुनवाई जेल में डाल दिया गया। प्रेस पर सेंसरशिप लगी। अफसरों को चुप करा दिया गया। अनुच्छेद 21 को निलंबित कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि एक परिवार ने सत्ता बचाने के लिए संविधान और लोकतंत्र की हत्या कर दी। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ने नरसंहार और जंगलराज पर लगाम लगाई। विकास की गंगा बहाई।

सम्राट चौधरी ने आपातकाल को संविधान की निर्मम हत्या बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को जो संविधान बनाया, उसकी हत्या 25 जून 1975 को कर दी गई। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को लोकतंत्र सिखाया, लेकिन एक पार्टी ने सत्ता के मोह में उसे अपवित्र करने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मेकिंग इंडिया का सपना साकार हो रहा है। भारत अब सोने का शेर बनकर दुनिया में दहाड़ रहा है। सम्राट चौधरी ने युवाओं से संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदारी निभानी चाहिए।

दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। यहीं से जेपी आंदोलन की चिंगारी फूटी थी। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार की धरती ने भगवान राम को राजा राम से महान बनाया। संपूर्ण क्रांति को दिशा दी। उन्होंने कहा कि आज वही लोग लोकतंत्र के स्तंभों को झुकाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने पहले लोकतंत्र को खंडित किया था।

सम्राट चौधरी ने कहा कि आपातकाल युवाओं के लिए चेतावनी है। अगर आज का युवा सजग नहीं हुआ तो लोकतंत्र फिर खतरे में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि संविधान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा। उन्होंने बताया कि आपातकाल के समय नीतीश कुमार जेल में थे। तब उन्होंने संकल्प लिया था कि बिहार में महिलाओं को 50% आरक्षण देंगे। आज वह सपना पूरा हो चुका है।

कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों का स्वागत किया और आभार जताया। इस अवसर पर विभाग के सचिव प्रणव कुमार, उप सचिव अनिल कुमार सिन्हा, अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।