पटना(बिहार)कोरोना संक्रमण काल के दौरान देश के अलग अलग प्रदेशों से अपने प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को सरकार राज्य में रोजगार देगी। उन्हें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें अभी तक प्रदेश में 16 हजार लोगों का चयन कर लिया गया है।
वर्तमान में इस योजना के तहत 60 हजार मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना है। मुख्यमंत्री उधमी योजना के तहत 18 कलस्टर बनाकर मजदूरों को काम देने की व्यवस्था हो रही है। प्रदेश के बाहर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए श्रम संसाधन विभाग एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है।प्रवासी मजदूरों का मौजूदा लोकेशन जुटाने में जुटा विभाग।
इस सॉफ्टवेयर में सभी मजदूरों का नाम, पता और उनके विशेषता के साथ ही सम्पर्क सूत्र को भी अपलोड किया जाएगा। इसके बाद इसका डेटा तैयार किया जाएगा कि कोरोना काल में लौटे मजदूर अभी कहां काम कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर उनके डेटा में कुछ बदलाव करना होगा तो वह किया जाएगा।
श्रम विभाग के द्वारा एक स्थायी कॉल सेंटर भी बनाया जा रहा है। इस कॉल सेंटर पर कभी भी कोई मजदूर फोन कर सकता है।कॉल सेंटर 24 घंटे और सातों दिन काम करेगा। शिकायत मिलते ही उस मामले की जानकारी संबंधित विभाग को दी जाएगी ताकि सरकार के स्तर पर उसका समाधान हो सके।
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