हाथीपांव से जूझी धन कुमारी ने 260 बच्चों को पिलाई दवा
सिवान:गायघाट गांव की 16 वर्षीय धन कुमारी ने फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से जूझने के बाद अब गांव में इसके खिलाफ जागरूकता की मिसाल पेश की है। सात साल तक हाथीपांव की तकलीफ झेलने के बाद जब इलाज से राहत नहीं मिली, तब गांव की आशा कार्यकर्ता पुनीता देवी ने उसे हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर पहुंचाया। वहां सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी अमरजीत हरिजन ने उसे रोगी हितधारक मंच से जोड़ा। इसके बाद धन कुमारी ने बीमारी से बचाव और देखभाल के उपाय सीखे।

धन कुमारी ने बताया कि वर्ष 2022 में जब वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थी, तब उसके पैर की सूजन गंभीर हो गई थी। चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। सूजन के कारण खून और पानी भी निकलने लगा था। कई निजी डॉक्टरों से इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हुआ। बाद में जब हेल्थ सेंटर से जुड़ी, तब नियमित सफाई, मच्छरदानी का उपयोग और दवा सेवन से राहत मिली। अब वह स्कूल में सहेलियों के साथ खेलती और पढ़ाई करती है।

धन कुमारी ने फरवरी में हुए फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाई। गायघाट, गोआसी, मितवार, महमूदपुर और जलालपुर गांवों में मां और आशा कार्यकर्ता के साथ घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई। मिडिल स्कूल में कैंप लगाकर 260 से अधिक बच्चों को दवा पिलाई। बच्चों को अपने अनुभव सुनाकर दवा सेवन के लिए प्रेरित किया। उसने बताया कि बच्चों में डर था कि दवा नहीं खाई तो बीमारी हो सकती है।

सीएचओ अमरजीत हरिजन ने बताया कि धन कुमारी ने वार्ड संख्या 07, 08, 09 और 10 में घर-घर जाकर लोगों को दवा खिलाई। उसके प्रयास से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। वह अब भी रोज पैर की सफाई करती है, मच्छरदानी लगाकर सोती है। स्कूल से लौटने के बाद गांव के लोगों को फाइलेरिया, कालाजार और अन्य बीमारियों से बचाव की जानकारी देती है। उसका लक्ष्य है कि गांव का हर व्यक्ति सुरक्षित और स्वस्थ रहे।

