विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टीबी मरीजों का किया जा रहा है नोटिफिकेशन: डॉ अशरफ़ रिज़वी
शरीर के अंदर पनप रहे टीबी के बैक्टीरिया को एक्टिव होने से पहले ही समाप्त करना प्राथमिकता: डीपीएम
2213 टीबी मरीज़ों को नियमित रूप से खिलाई जा रही है निःशुल्क दवा: डीपीसी
कटिहार(बिहार)जिले को यक्ष्मा रोग (टीबी) मुक्त बनाने के लिए सदर अस्पताल के सभागार में नेशनल ट्यूबक्यूलोसिस एलिमिनेशन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत निक्षय पोषण राशि डीबीटी एवं टीबी नोटिफिकेशन के संबंध में जिला स्तरीय मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ज़िला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अशरफ़ रिज़वी, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार, डीएमएंडई अखिलेश कुमार, यक्ष्मा केन्द्र के डीपीसी मज़हर अमीर, परामर्शी खुशबू कुमारी, सहित ज़िलें के सभी एसटीएस एवं एसटीएलएस के अलावा वर्ड हेल्थ पार्टनर्स के जिला प्रबंधक अर्जुन कुमार, डीपीसी कमलेश साहू, आईसीएमआर प्रोजेक्ट शोधार्थी सुष्मिता, योगेंद्र पाल, संजय कुमार सहित कई अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मी उपस्थित थे।
विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टीबी मरीजों का किया जा रहा है नोटिफिकेशन: डॉ अशरफ़ रिज़वी
समीक्षा बैठक के दौरान सीडीओ डॉ अशरफ़ रिज़वी ने ज़िले के सभी एसटीएस एवं एसटीएलएस को आवश्यक दिशा- निर्देश देते हुए कहा कि टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों का गृहभ्रमण कर आईएनएच की गोली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग द्वारा प्राइवेट एवं पब्लिक प्लेस से टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन किया जा रहा है। मरीज का नोटिफिकेशन करते हुए बैंक खाता विवरणी, चिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन और आधार कार्ड का पूरा ब्योरा स्वास्थ्य केंद्र को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। ज़िले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी संक्रमित मरीजों की जांच से लेकर उपचार तक की निःशुल्क व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। किसी भी व्यक्ति को टीबी से संबंधित कोई लक्षण दिखाई पड़े तो तत्काल सरकारी अस्पताल भेज कर उसकी जांच एवं उपचार करने में हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है।
शरीर के अंदर पनप रहे टीबी के बैक्टीरिया को एक्टिव होने से पहले ही समाप्त करना प्राथमिकता: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम डॉ किशलय कुमार ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, देश में सबसे गंभीर बीमारी समझी जाने वाली टीबी (क्षय रोग) के इलाज में अब मोबाइल फोन की सहायता ले रहा है। क्योंकि वर्तमान समय में अधिकांश लोगों के पास मोबाइल फोन की उपलब्धता हो गई है। यही कारण है कि विभागीय स्तर पर एक टॉल-फ्री नंबर 1800-116666 जारी किया गया है। प्रोग्रामेटिक मैनेजमेंट ऑफ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) के तहत लेटेंट टीबी इंफैक्शन वाले मरीज को चिह्नित कर उन्हें टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) से जोड़ा जाएगा। ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे टीबी के बैक्टीरिया को एक्टिव होने से पहले ही समाप्त कर दिया जाए। जिससे टीबी फैलाव के चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी। जो टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काफी सहायक होगा।
2213 टीबी मरीज़ों को नियमित रूप से खिलाई जा रही है निःशुल्क दवा: डीपीसी
ज़िला यक्ष्मा केंद्र के डीपीसी मज़हर अमीर ने बताया कि ज़िले में सदर अस्पताल परिसर स्थित ज़िला टीबी सेंटर (डीटीसी) एवं अनुमंडलीय अस्पताल में सीवीनेट से टीबी से संक्रमित मरीज़ों की जांच उपलब्ध है। वहीं डीटीसी, अनुमंडलीय अस्पताल बारसोई एवं मनिहारी एवं सीएचसी कोढ़ा में ट्रूनेट से जांच के लिए सेवाएं दी जा रही हैं। जनवरी से लेकर नवंबर महीने तक ज़िले में टीबी मरीज़ों की संख्या 4939 है। जिसमें लगभग 2726 मरीज ठीक हो चुके हैं। फ़िलहाल 2213 संक्रमित मरीज़ों को निःशुल्क दवा खिलाई जा रही है। जिसमें जनवरी में 396, फरवरी में 426, मार्च में 471, अप्रैल में 500, मई में 469, जून में 464, जुलाई में 484, अगस्त में 473, सितंबर में 440, अक्टूबर में 386 जबकिं नवंबर महीनें में 430 टीबी मरीजों को उचित परामर्श के अलावा निःशुल्क दवा दी गई है।
निक्षय मित्र बनने के लिए विभाग कर रहा अपील: परामर्शी
टीबी विभाग की परामर्शी खुशबू कुमारी ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला यक्ष्मा केंद से संपर्क किया जा सकता है। हालांकि निक्षय मित्र बनने के लिए communitysupport.nikshay. in पर लॉगिन कर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान पर क्लिक कर निक्षय मित्र का आवेदन पत्र पर क्लिक कर अपनी पूरी जानकारी देकर इस अभियान से जुड़ा जा सकता है। टीबी से ग्रसित मरीजों के लिए सामान्य नागरिक, गैर सरकारी संस्थान एवं ज़िलें के जनप्रतिनिधियों सहित अन्य लोगों को निक्षय मित्र बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। क्योंकि निक्षय मित्र बन कर टीबी मरीजों को सहायता करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अपील कर रहा है। ताकि जिले में टीबी से ग्रसित मरीजों को मदद मिल सके। निक्षय मित्र टीबी मरीजों को पोषण के साथ-साथ रोजगार के लिए अवसर उपलब्ध करा सकते हैं।
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