संक्रमण काल में घरेलू मसालों का औषधिय प्रयोग में आयी तेजी
अररिया(बिहार)मसाले हमारे घर की रसोई का हमेशा से अभिन्न अंग रहा है. भोजन को स्वादिष्ट बनाने व इसमें नया फ्लेवर डालने में इसकी महत्ता से शायद ही कोई भारतीय परिवार अनिभज्ञ रहा हो. बावजूद इसके हम इन मसालों को ज्यादा महत्व नहीं देते. हम इसे खाना बनाने की प्रक्रिया का महज एक छोटा हिस्सा ही मानते आये हैं. लेकिन खाना को स्वादिष्ट बनाने में प्रयुक्त होने वाले ये मसाले औषधिय गुणों से भरपूर होते हैं. इसका सही इस्तेमाल हमें अनेक गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बचा सकता है. इसका पता हमें कोरोना संकट के दौर में ही चल पाया. जाहिर है संक्रमण काल के दौरान आयुष मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी गाइड लाइन इस लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ. आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो स्वाद के लिये प्रयुक्त होने वाले मसाले स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होते हैं. संयमित तरीके से इसका नियमित सेवन हर तरह के दुष्प्रभाव से मुक्त होता है. भोजन के रूप में नियमित इसका सेवन शरीर के प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने गठिया, कैंसर, मधुमेह सहित कोराना जैसे भयानक संक्रामक बीमारियों से लड़ने में हमारी सहायता करता है.
संक्रमण काल में औषधिय रूप से बढ़ा मसालों का प्रयोग
वैश्विक महामारी के दौर में हमारे खान-पान व आदतों में अचानक से बड़ा बदलाव आया. खान-पान में तो मसालों का प्रयोग हम शुरू से ही कर रहे थे. लेकिन संक्रमण काल में औषधिय रूप से मसालों के प्रयोग में तेजी आयी. आयुर्वेदाचार्य डॉ विनोद कुमार झा के मुताबिक हल्दी, धनिया, जीरा, मेथी, अजवाइन, हींग औषधिय गुणों से भरपूर होते हैं. इसलिये संक्रमण काल में ये लोगों के दैनिक खानपान में शुमार हो चुका है. लोग अलग अलग तरीके से इसका उपयोग कर रहे हैं. ताकि प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ा कर महामारी से अपना व अपने परिवार का बचाव किया जा सके.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में साख तौर पर उपयोगी हैं मसाले
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ सावन कुमार ने बताया कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमताओं के विकास में घरेलू मसाले जैसे हल्दी, जीरा, अजवाइन, हींग, लोंग, दलचीनी का नियमित उपयोग बेहद लाभकारी होता है. जैसे हल्दी एंटीसेप्टिक, एंटी बायोटिक, व एंटी एलर्जिक गुणों से भरपूर होता है. शरीर में किसी प्रकार का दर्द चोट, घाव, खून की कमी व हड्डियों की कमजोरी से जुड़े रोगों में इसका इस्तेमाल उपयोगी है. तो गर्म पानी में हल्दी व नमक डाल कर गरारे करने से गले की खरास ठीक होती है. इसी तरह जीरा हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करता है. काली मिर्च खांसी से बचाव, मलेरिया सहित अन्य वायरल बुखार में लोगों को राहत देता है. सर्दी चुकाम से राहत देने में अजवाइन का उपयोग महत्वपूर्ण होता है. पेट दर्द होने की स्थिति में इसका उपयोग किया जाता है. मधुमेह व जोड़ो के दर्ज आदि से राहत पाने के लिये मेथी के प्रयोग की सलाह दी जाती है.
मसालों में दालचीनी व बड़ी इलायची की बढ़ी मांग :
किराना व्यवसायी अजय कुमार बताते हैं कि दालचीनी व बड़ी इलायची की मांग इन दिनों काफी बढ़ी है. कोरोना काल में सुबह के चाय से लेकर संक्रमण से बचाव के लिये काढ़ा व शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिये रात में हल्दी मिली हुई दूध का सेवन हर घर में हो रहा है. महामारी से बचने के लिये काढ़ा का उपयोग भी खूब हो रहा है. वह कहते हैं, आयुर्वेद के जानकारों की मानें तो अपने खान-पान संबंधी आदतों के कारण ही हम इस वैश्विक महामारी को मात देने में अबतक बेहद कामयाब रहे हैं.
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