पूर्णिया(बिहार)सूबे की सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी व्यवस्था को सुदृढ करने में लगा हुआ है। हालांकि अब संचार क्रांति के इस युग में राज्य के गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को चिकित्सीय सुविधाएं विशेषज्ञ चिकित्सकों के माध्यम से मिलनी शुरू हो गई हैं। जिसका नतीजा यह है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को घर बैठे या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सा विज्ञान द्वारा सलाह एवं परामर्श मिलने के साथ ही दवाओं की उपलब्धता से कई तरह की बीमारियों का उपचार हो रहा है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि विगत 16 अप्रैल को टेलीमेडिसीन कंस्लटेंसी के माध्यम से पूरे बिहार में 5 लाख, 8 हज़ार, 27 ग्रामीण क्षेत्रों के मरीज़ों को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा चिकित्सीय परामर्श दिया गया था। जिसमें केवल पूर्णिया ज़िले में 3 हज़ार, 3 सौ, 88 मरीज़ों का उचित चिकित्सीय परामर्श के साथ ही निःशुल्क दवा का वितरण भी किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार टेलीमेडिसिन कंसल्टेंसी में चिकित्सकों द्वारा परामर्श के अनुसार निःशुल्क दवा का वितरण किया गया है। तत्कालीन जिलाधिकारी राहुल कुमार द्वारा दिये गए दिशा-निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए कार्यो के आधार पर राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था।
शांतचित्त होकर कार्य करने से मिलती है सफ़लता: डॉ प्रमोद कुमार
बड़हरा कोठी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि मेरे द्वारा 06 जून को राज्य में सबसे ज़्यादा ई-टेलीकंस्लटेंसी के माध्यम से 226 मरीज़ों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन के बाद मेरा नाम प्रथम स्थान पर दिया गया है। इसमें स्थानीय एमओआईसी डॉ अजय कुमार एवं बीएचएम तौशिफ़ कमर के अलावा सभी एएनएम ख़ास कर मिलिक मकुरजान स्वास्थ्य उपकेंद्र की एएनएम सीमा कुमारी, स्वास्थ्य उपकेंद्र मगुरजान की एएनएम रतनमाला एवं मलडिहा स्वास्थ्य उपकेंद्र की एएनएम पिंकी कुमारी का काफ़ी सहयोग मिला है। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में 38 ई-टेलीकंस्लटेंसी सेंटर बनाया गया है। जिसके माध्यम से मरीज़ों का चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। सरकार द्वारा चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए चिकित्सा पदाधिकारियों एवं कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। सेवाओं को मूर्त रूप देने के लिए शांत मन से कार्य किया जाए तो कोई भी काम कठिन नहीं होता है।
बी-कोठी स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ प्रमोद कुमार सहित हमलोगों के लिए गौरव की बात: एमओआईसी
बड़हरा कोठी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजय कुमार का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत ई- टेलीमेडिसिन की सुविधाएं शुरू की गई हैं ताकि ज़िले के निवासियों को किसी भी बीमारी या संक्रमण को समय रहते उसका उपचार किया जा सके। इसके सफल क्रियान्वयन में प्रशिक्षित चिकित्सकों, एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मियों को विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित किया गया है। सबसे ख़ास बात यह है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बी कोठी में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार के द्वारा 06 जून को रात्रि तक संचार उपकरणों के माध्यम से 226 टेलीकंस्लटेंसी द्वारा मरीज़ों का उपचार किया गया है। राज्य मुख्यालय से जारी रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पूर्णिया ज़िले के बी कोठी स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित डॉ प्रमोद कुमार को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। जो काफ़ी गौरव की बात है ।
ज़िले में 435 स्पोक्स तो 29 टेलीकंस्लटेंसी हब के माध्यम से संचालित किया जा रहा है ई-टेलीमेडिसिन सेंटर: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि ज़िले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को विगत वर्षों से ससमय बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य सरकार के द्वारा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में 435 स्पोक्स प्रणाली संचालित की जा रही है। वहीं 29 टेलीकंस्लटेंसी हब को जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के द्वारा हब एंड स्पोक्स प्रणाली के माध्यम से ई-टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
ई-टेलीकंस्लटेंसी स्पोक्स पर प्रशिक्षित कर्मियों को किया गया प्रतिनियुक्त: डीटीएल
केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक ने बताया कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत एक हब और स्पोक्स की प्रतिनियुक्ति की गई है। सबसे पहले मरीज के द्वारा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम के पास कॉल किया जाता है। उसके बाद बीमार से ग्रसित मरीजों से बातचीत के आधार पर मिली समस्या को एएनएम के द्वारा चिकित्सकों के पास ऑनलाइन भेजा जाता है। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ई-टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। इसके लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों से विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं एएनएम को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चयनित करने के बाद ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन से संबंधित केयर इंडिया के द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद वे सभी अपने-अपने स्पोक्स पर उपलब्ध रहते है।
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