मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने में स्वास्थ्य संस्थानों की सराहनीय भूमिका: सिविल सर्जन
संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में एन्क्वास की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ जेपी सिंह
निरीक्षीय टीम ने अधूरे कार्यों को अविलंब पूरा करने को लेकर दिया निर्देश: डीवीक्यूए
कटिहार(बिहार)राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन्क्वास) कार्यक्रम के तहत जिले के कोलासी और दिघरी स्थित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का चयन किया गया है। जिसको लेकर जिलास्तरीय टीम के द्वारा निरीक्षण किया गया। इसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जानी है। सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह के दिशा- निर्देश में गठित टीम का नेतृत्व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जयप्रकाश सिंह कर रहे थे। इस टीम में जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. अशरफ रिजवी,जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ.आर सुमन, जिला सलाहकार, गुणवत्ता यक़ीन डॉ. किसलय कुमार, ज़िला कार्यक्रम प्रबंधक(डीपीएम एड्स)शौनिक प्रकाश और ज़िला योजना समन्यवक(डीपीसी)मजहर अमीर शामिल रहे। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.अमित आर्या, बीएचएम मुकेश कुमार और बड़ा बाबू सहित कोलासी और दिघरी एचडब्ल्यूसी के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) उपस्थित थे।
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने में स्वास्थ्य संस्थानों की सराहनीय भूमिका: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों को आम जनमानस यानी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने की जिम्मेवारी हम सभी की होती है। संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को लेकर अस्पतालों में सभी तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने चाहिए। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित की जाती है। जिसमें राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक लक्ष्य कार्यक्रम एवं कायाकल्प योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। ताकि प्रसव के दौरान मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य किया जा सकता है।
संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में एन्क्वास की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ. जेपी सिंह
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जयप्रकाश सिंह ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में भी चिकित्सीय व्यवस्था में काफ़ी सुधार हुआ है। क्योंकि गुणात्मक सुधार में जिलाधिकारी और सिविल सर्जन सहित कई अन्य अधिकारियों के दिशा निर्देश और मार्गदर्शन में अनवरत सुधार किया जा रहा है। ताकि ग्रामीण स्तर पर संस्थागत और सुरक्षित प्रसव को सहज और सरल और तरीके से कराया जाए। इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।जिसमें काफ़ी हद तक सफ़लता भी मिली है।संस्थागत और सुरक्षित प्रसव में कायाकल्प योजना,लक्ष्य कार्यक्रम और राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
निरीक्षीय टीम ने अधूरे कार्यों को अविलंब पूरा करने को लेकर दिया निर्देश: डीवीक्यूए
जिला सलाहकार,गुणवत्ता यक़ीन डॉ. किसलय कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक को लेकर आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्रनाथ सिंह के दिशा- निर्देश के आलोक में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.जयप्रकाश सिंह
के नेतृत्व में जिले के कोलासी और दिघरी स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का निरीक्षण किया गया। बता दें कि राज्य मुख्यालय की ओर से निरीक्षीय टीम आने वाली है। उसके पहले जिलास्तर पर गठित टीम द्वारा भ्रमण किया गया। जहां एन्क्वास के मापदंडों के आधार पर खड़ा उतारने को लेकर सभी तरह की तैयारियां चल रही हैं। ताकि किसी प्रकार से कोई कमी नही रहे। जिलास्तर पर गठित टीम के द्वारा निरीक्षण करने के बाद अधूरे कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने का आवश्यक दिशा-निर्देश मिला है।
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