पटना(बिहार)सूबे में आपदा से बचाव का गुर सीखेंगे मुखिया, एक्सपर्ट पंचायत जनप्रतिनिधियों को देंगे ट्रेनिंग।राज्य के मुखिया सहित सभी पंचायती राज के प्रतिनिधि आपदा से बचाव का प्रशिक्षण लेंगे। भूकंप, अगलगी, बाढ़-सुखाड़ सहित कृत्रिम व प्राकृतिक आपदा के दौरान क्या सतर्कता बरती जाए, इसका प्रशिक्षण जनप्रतिनिधियों को दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित कर आम लोगों को सतर्क करने की योजना है। जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित करने का रोडमैप बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने तैयार कर लिया है। उन्हें विशेषज्ञों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।जानकारी के अनुसार बीते दिनों प्राधिकरण ने पंचायती राज विभाग के साथ बैठक की थी। चूंकि विभाग की ओर से जल्द पंचायती राज प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इसलिए प्राधिकरण ने तय किया कि प्रतिनिधियों को उसी प्रशिक्षण में आपदा से बचाव की भी जानकारी दी जाए। पंचायती राज विभाग इस पर सहमत हो गया है। नवनियुक्त पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन विषय पर प्रशिक्षण की सहमति बनी है।
इसके आधार पर पंचायत संसाधन केंद्र के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है ताकि वे जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित कर सकें। प्राधिकरण ने नदियों के किनारे वाले पंचायतों के साथ-साथ जलाशयों व तालाबों को भी शामिल किया है। इन जिलों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित तैराकी सिखायी जाएगी ताकि पानी में डूबने की घटनाओं में कमी आ सके। इससे पहले प्राधिकरण शहरी निकायों के प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों को प्रशिक्षित कर चुका है। 12 नगर निगमों की आपदा प्रबंधन योजना तैयार की जा रही है। छह एजेंसी का चयन किया गया है, जो दो-दो नगर निगमों को आपदा से बचाने की योजना बनाएगा।
प्रशिक्षण में यह भी होगा
प्राधिकरण सभी चीनी मिलों में भूकंप से बचाव के लिए मॉकड्रिल का आयोजन करेगा। इसके अलावा विधि विभाग कार्यालय कक्ष, न्यायालय, वकालत खाना व मठ-मंदिर में भी भूकंप सुरक्षा हेतु मॉकड्रिल किया जाएगा। वहीं प्राधिकरण अब तक 1602 बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार पुलिस सेवा, ग्रामीण विकास सेवा व राजस्व सेवा के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
पटना के सरकारी अस्पतालों को अग्नि से बचाने का काम पूरा हो चुका है। सात हजार छात्रों को सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह के तहत प्रशिक्षित किया गया है। भूकंपरोधी निर्माण के लिए 2676 अभियंताओं और 18 हजार 905 राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया गया है। 600 भवनों को आरवीएस तकनीक पर रेट्रोफिटिंग यानी भूकंपरोधी बनाया जा चुका है।
प्रशिक्षण का उदेश्य
आपदाओं से होने वाली मौतों को 75 फीसदी तक कम करना है।
परिवहन दुर्घटनाओं को पर्याप्त रूप से कम करना है।
आपदा प्रभावितों की संख्या में 50 फीसदी कमी लाना है।आपदाओं से होने वाली आर्थिक क्षति को कम करना है।
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