पूर्णिया(बिहार)लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं की जानकारी देने व उनका विशेष लाभ उठाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 23 नवंबर से 06 दिसंबर तक परिवार विकास पखवाड़ा का आयोजन किया गया है। पखवाड़े के दौरान लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी देने के साथ ही उनका लाभ भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जनसंख्या स्थिरीकरण में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन में विभिन्न प्रकार के स्थायी और अस्थायी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं । लोग इसकी जानकारी व इसका उपयोग कर अपने परिवार को छोटा व खुशहाल बनाने के साथ ही देश के जनसंख्या स्थिरीकरण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। परिवार नियोजन के लिए महिलाओं के साथ ही पुरुषों की भागीदारी भी बहुत जरूरी है। पुरुषों का परिवार नियोजन में भागीदारी बढ़ाने के लिए इस वर्ष परिवार विकास पखवाड़ा का थीम “परिवार नियोजन में पुरुषों की साझेदारी, जीवन में लाएं स्वास्थ्य और खुशहाली” रखी गई है।
दो चरण में परिवार विकास पखवाड़ा का आयोजन :
स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार विकास पखवाड़ा दो चरण में आयोजित किया गया है। प्रथम चरण 23 से 29 नवंबर तक मोबिलाइजेशन स्तर के रूप में मनाया गया जिसमें आशाओं द्वारा लोगों के घर-घर जाकर परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों की जानकारी दी गई। 30 नवंबर से 06 दिसंबर तक सर्विस डिलीवरी के रूप में पखवाड़ा का दूसरा चरण चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को परिवार नियोजन के सभी साधनों की सुविधाओं का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। लोगों तक परिवार नियोजन की सुविधाओं को पहुँचाने में आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी सेविकाओं के साथ ही केयर इंडिया के अधिकारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध हैं स्थायी व अस्थायी सुविधाएं :
परिवार नियोजन के लिए लोग स्थायी व अस्थायी दोनों तरह की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। स्थायी सुविधा के रूप में लोग पुरुष नसबंदी व महिला बंध्याकरण का लाभ किसी भी सरकारी अस्पताल से उठा सकते हैं। अस्थायी सुविधा में कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सुई- अंतरा, दैनिक गर्भनिरोधक गोली- माला-एन, साप्ताहिक गोली- छाया, कण्डोम आदि उपलब्ध हैं।
सुविधाओं का लाभ लेने पर सरकार द्वारा दी जाती है प्रोत्साहन राशि :
लोगों को परिवार नियोजन सुविधाओं के लाभ के साथ ही सरकार प्रोत्साहन राशि भी प्रदान करती है। पुरुष नसबन्दी कराने पर लाभार्थी को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये सरकार द्वारा दी जाती है जबकि महिला बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 2000 रुपये व उत्प्रेरक को 300 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव उपरांत ही बंध्याकरण कराने पर महिलाओं को 3000 रुपये व उत्प्रेरक को 400 रुपये का लाभ मिलता है। अस्थायी सुविधा में कॉपर-टी के लिए 300 व अंतरा सुई का लाभ लेने पर लाभार्थी को 100 रुपये का लाभ सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी अहम :
पूर्णिया जिले के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एस. के. वर्मा ने कहा कि परिवार नियोजन के लिए महिलाओं के साथ ही पुरुषों की भागीदारी भी बहुत ही जरूरी है। महिलाएं शारीरिक रूप से पुरुषों से कमजोर होती है। बच्चों के जन्म के बाद उन्हें और अधिक स्वस्थ रहने की जरूरत है। ऐसे में पुरुषों को परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। पुरूष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में ज्यादा आसान व सुलभ है। नसबंदी के बाद कुछ ही घंटे में पुरुष सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसलिए पुरुषों को परिवार नियोजन के लिए आगे आना चाहिए और जनसंख्या स्थिरीकरण में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में किसी भी प्रकार की जांच या ऑपरेशन से पूर्व लोगों का कोरोना जांच अवश्य करा लेना है।
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