सार्वजनिक वित्त पर हकेवि में चार दिवसीय कार्यशाला संपन्न
महेंद्रगढ़:हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में 13 से 16 मई तक चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला का विषय सार्वजनिक वित्त और सार्वजनिक विकल्प रहा। यह आयोजन कनाडा के नोवा स्कोटिया स्थित डलहौज़ी विश्वविद्यालय के सहयोग से हुआ।

कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक मंच युवाओं में विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ाते हैं। शासन प्रणाली से जुड़े जटिल विषयों की गहरी समझ बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत इस समय आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में यह कार्यशाला लोकनीति विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और निर्णय-निर्माताओं को तैयार करने में अहम भूमिका निभाती है।
कार्यशाला का संचालन डलहौज़ी विश्वविद्यालय के राजनीतिक अर्थशास्त्री और लोक नीति विशेषज्ञ प्रो. स्टीफन मेचौलन ने किया। कार्यक्रम की संकल्पना, निर्देशन और समन्वयन विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. चंचल कुमार शर्मा ने किया।

भौतिकी एवं खगोल भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कार्यशाला की सफलता पर प्रो. चंचल कुमार शर्मा को बधाई दी। उन्होंने बहुविषयक संवाद के महत्त्व को भी रेखांकित किया। अर्थशास्त्र विभाग की सुश्री रेनू ने सभी सत्रों में सक्रिय भागीदारी की। उन्होंने प्रो. मेचौलन और विद्यार्थियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर संवाद किया।
प्रो. स्टीफन मेचौलन ने अपने व्याख्यानों में कल्याणकारी अर्थशास्त्र, सार्वजनिक नीति विश्लेषण, लागत-लाभ मूल्यांकन, सार्वजनिक विकल्प सिद्धांत और राजकोषीय संघवाद जैसे विषयों को वैश्विक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रमाण-आधारित नीति निर्माण और प्रभाव मूल्यांकन की कठोर पद्धतियों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे सुशासन की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सकती है।
कार्यशाला में विभिन्न विभागों के विद्यार्थी और शिक्षक शामिल हुए। प्रतिभागियों को समकालीन सार्वजनिक वित्त और शासन से जुड़ी चुनौतियों को समझने का अवसर मिला। उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण और विश्लेषणात्मक उपकरणों की जानकारी भी मिली।