बरसात में मच्छरों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क
सिवान:बरसात के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। विभाग ने जिलेवासियों से अपील की है कि घरों में पानी जमा न होने दें। कूलर, गमला, टायर जैसे स्थानों की नियमित सफाई करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। घर के आसपास सफाई रखें। मच्छर भगाने वाली क्रीम या कॉयल का उपयोग करें। समय-समय पर फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव जरूरी है।

सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह से ही मलेरिया के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जून को एंटी मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है। पूरे जिले में जागरूकता गतिविधियां चल रही हैं। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सक्रिय मामलों की पहचान की जा रही है। रोकथाम की गतिविधियों पर जोर दिया जा रहा है। शिक्षा विभाग, जनप्रतिनिधियों, मीडिया और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओपी लाल ने बताया कि मच्छर छह प्रमुख बीमारियों के वाहक हैं। इनमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया, कालाजार और जापानी इंसेफेलाइटिस शामिल हैं। मलेरिया मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से होता है। इसके लक्षण बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द और कमजोरी हैं। डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर से फैलता है। इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और प्लेटलेट्स की कमी होती है। चिकनगुनिया में जोड़ों का तीव्र दर्द, बुखार और कमजोरी होती है।

फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर से फैलता है। इसमें हाथ-पैर में सूजन और बुखार होता है। कालाजार बालू मक्खी के काटने से फैलता है। यह मक्खी मच्छर से एक चौथाई छोटी होती है। जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल बीमारी है। यह मच्छर जनित फ्लेविवायरस के कारण होता है।
डॉ लाल ने कहा कि इन बीमारियों से बचाव के लिए समय पर जांच और इलाज जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पूरी तरह तैयार है।