पटना :जाली प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षकों के मामले में मंगलवार को पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई की। रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का मोहलत दिया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि अभी भी 73 हजार शिक्षकों के फोल्डर प्राप्त नहीं हुए हैं। ये मामला काफी दिनों से चल रहा है, लेकिन जांच की रफ्तार बहुत धीमी है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह एक समय सीमा निर्धारित करे, जिसके तहत सभी सम्बंधित शिक्षक अपना प्रमाण पत्र व अन्य कागजात प्रस्तुत करें।कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि निर्धारित समय के भीतर कागजात व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उच्च न्यायलय ने 2014 में दिया था आदेश
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने न्यायालय को बताया कि बड़ी संख्या में जाली प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षक राज्य में काम कर रहे हैं।साथ ही वे वेतन भी उठा रहे हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने 2014 के एक आदेश में कहा था कि जो इस तरह की जाली प्रमाण पत्र के आधार पर राज्य सरकार के तहत शिक्षक हैं, उन्हें ये अवसर दिया जाता है कि वे खुद अपना इस्तीफा दे दें, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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