• 1 वर्ष से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को दिया जा रहा है टीका
• कुल 4.63 लाख से अधिक बच्चों को लगाया जा चुका है टीका
• आंगनवाड़ी केंद्र तथा विभिन्न टीकाकरण स्थलों पर चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान
पूर्णियाँ(बिहार)जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान सुचारू रूप संचालित किया जा रहा है. इसके अंतर्गत 1 वर्ष से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है. ज्ञात हो कि जिले में जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान की शुरुआत सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा द्वारा 17 जून से बच्चे को टीका लगाकर की गई थी. जिले में अबतक कुल 4.50 लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है. अन्य बच्चों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम जारी है.
4.63 लाख से अधिक बच्चों का हुआ है टीकाकरण :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया कि 17 जून से कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. जिले में अब तक कुल 4 लाख 77 हजार 930 बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है, जिसमें 2 लाख 37 हजार 606 किशोरी तथा 2 लाख 40 हजार 324 किशोर बालकों के टीकाकरण हुआ है. इनमें 1 से 5 वर्ष तक के 2 लाख 28 हजार 215 बच्चे, 5 वर्ष से 10 वर्ष के 1 लाख 62 हजार 634 बच्चे तथा 10 वर्ष से 15 वर्ष के कुल 87 हजार 81 बच्चे शामिल हैं. इन सभी बच्चों के टीकाकरण हेतु कुल 4 लाख 78 हजार 330 वेक्सीन का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही उन्होंने बताया कि 6 से 15 वर्ष तक के बच्चों का स्कूलों में टीकाकरण करवाया जाना था, परंतु कोरोना संक्रामण के इस काल में स्कूलों के बन्द होने के कारण 6 से 15 वर्ष तक के जितने बच्चे टीकाकरण स्थल पर उपस्थित हो रहे हैं उनका टीकाकरण किया जा रहा है. तथा आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा उनके क्षेत्र में इसको लेकर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। टीकाकरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्र के साथ-साथ अन्य टीकाकरण स्थलों का उपयोग किया जा रहा है.
टीकाकरण के दौरान रखा जा रहा कोविड-19 से बचाव का खयाल :
जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान के दौरान कोविड-19 से बचाव का भी खयाल रखा जा रहा है. टीकाकरण के समय बच्चों को सोशल डिस्टेनसिंग नियम का पालन करते हुए दूरी बनाकर पंक्तियों में रखा जाता है. टीकाकरण के अधिकारियों व आशा कर्मियों द्वारा मास्क, ग्लव्स का प्रयोग करने आदि का विशेष तौर से खयाल रखा जा रहा है. टीकाकरण में शामिल सभी अधिकारी व कर्मी प्रशिक्षित हैं एवं उन्हें टीकाकरण संबंधित सभी जानकारी जैसे टीका के रख-रखाव, दिए जाने वाले डोज आदि की जानकारी है.
क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) :
जापानी इंसेफेलाइटिस एक संक्रमण जो पूरे एशिया और पश्चिमी पेसिफिक में फैल चुका है. इसे चमकी बुखार भी कहते हैं. जापानी इन्सेफेलाइटिस बीमारी संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला विषाणु है. यह वायरस संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है. इसके संक्रमण से दिमाग में सूजन की समस्या होने लगती है. अचानक सिर दर्द, तेज बुखार,और भटकाव के साथ मस्तिष्क में सूजन आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस से सतर्कता बरतने के लिए ध्यान रखें :
• सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
•शिशुओं को जेई का टीकाकरण करायें.
• आसपास व घर में सफाई रखें
गंदे पानी का जमाव नहीं होने दें.
•साफ या उबाला हुआ पानी पियें.
•बच्चों को सुपाच्य व पौष्टिक आहार दें.
• बुखार आने पर भी डॉक्टर को दिखायें.
• जेई के लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सक से सम्पर्क करें.
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