पूर्णिया(बिहार)कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए अब सभी जिलों में वैक्सीन उपलब्ध हैं । टीकाकरण के प्रथम चरण में केवल पंजीकृत स्वास्थ्य कर्मियों को ही टीका लगाया जा रहा है। अब तक लगाए गए टीका के आधार पर यह समझा जा सकता है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। जितने भी लोगों ने अब तक इसका टीका लगाया है उन्होंने भी इसके सुरक्षित होने की पुष्टि की है। पूर्णिया जिला के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पंजीकृत लोगों को टीका लगाया जा रहा है। टीकाकरण में आईसीडीएसकर्मियों की उपलब्धता को कम देखते हुए जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन द्वारा आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इसके लिए निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के अनुसार जिले के सभी आईसीडीएसकर्मियों को फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर टीका जरूर लगवा लेना है।
बिल्कुल सुरक्षित है लगाया जा रहा टीका :
सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से उबरने के लिए लगाया जा रहा टीका पूरी तरह सुरक्षित है। अब तक लगाए गए टीके से किसी प्रकार की परेशानी नहीं पाई गई है और टीका लगाने वाले लोगों ने भी इसकी जानकारी दी है। इसलिए अब प्रथम चरण के लिए पंजीकृत सभी स्वास्थ्य कर्मी स्वयं रुचि लेकर अपने निर्धारित समय पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में अपना टीका लगवा रहे हैं। टीकाकरण के प्रथम चरण के लिए 13 हजार 888 स्वास्थ्य कर्मियों का पंजीकरण किया गया है जिसमें से अबतक लगभग 6500 से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
आईसीडीएसकर्मियों को भी टीका लगाने का दिया गया है निर्देश :
सिविल सर्जन डॉ. शर्मा ने बताया कि कोविड-19 टीकाकरण का शत प्रतिशत तक लक्ष्य हासिल करना हमारा लक्ष्य है| जिसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मी नियमित प्रयास कर रहे हैं। अबतक लगभग स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा टीकाकरण का पहला डोज लिया जा चुका है लेकिन टीकाकरण लगवाने में आईसीडीएसकर्मियों की संख्या कम देखी गई है। इसे पूरा करने के लिए आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शोभा सिन्हा को जिलाधिकारी द्वारा भी निर्देशित किया गया है। सभी आईसीडीएसकर्मियों को फरवरी माह के प्रथम सप्ताह में ही अपने निर्धारित टीका स्थल पर जाकर टीका लगवाने का निर्देश दिया गया है।
आईसीडीएस के 6 हजार से अधिक कर्मी को लगाया जाएगा टीका :
फरवरी के प्रथम सप्ताह में ही सभी आईसीडीएसकर्मियों को कोविड-19 का टीका लगवाने के लिए सिविल सर्जन द्वारा भी निर्देश दिया गया है। पूरे जिले में आईसीडीएस के 6 हजार से भी अधिक कर्मी हैं जिन्हें टीकाकरण के प्रथम चरण में टीका लगाया जाना है। जिले के 14 प्रखंडों और एक शहरी क्षेत्र में कुल कार्यरत सेविकाओं की संख्या 3415 है। इसके अलावा जिले में 3164 सहायिका, 80 महिला पर्यवेक्षिका के साथ ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सहित कार्यालय में कार्यरत अन्य कर्मियों की संख्या 61 है। उन सभी लोगों को टीकाकरण के प्रथम चरण के लिए पंजीकृत किया गया है। सभी लोगों को 10 फरवरी तक टीकाकरण लगवाने के लिए आईसीडीएसडीपीओ शोभा सिन्हा ने निर्देश जारी किया है।
10 फरवरी तक पूरा होगा टीकाकरण का प्रथम डोज :
कोविड-19 से बचाव के लिए लगाया जा रहे टीके को दो डोज में पूरा किया जाना हैै।जिसमें कम से कम 28 दिनों का अंतर होना जरूरी है। टीकाकरण के पहले डोज की शुरुआत 16 जनवरी से की गई थी। इसके प्रथम डोज को 10 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद टीकाकृत लोगों को दूसरा डोज देना शुरू किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को 10 फरवरी से पूर्व टीकाकरण लक्ष्य के प्रथम डोज को पूरा करने का निर्देश दिया है।
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