Home

8 मार्च को संपन्न हुआ महनार महोत्सव

महनार(वैशाली)कला,संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार पटना एवं जिला प्रशासन वैशाली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय महनार महोत्सव”उर्दू” को मिटाने की साजिश के साथ संपन्न हुआ।वैशाली जिला में उर्दू को मिटाने की साजिश अधिकारियों द्वारा की जा रही है।जिसके कई उदाहरण है।फिलहाल ताजा मामला जिले के महनार अनुमंडल में आयोजित महनार महोत्सव का है।जहां बैनर,पोस्टर तो दूर निमंत्रण पत्र में भी उर्दू को मिटा दिया गया।जबकि बिहार सरकार के मंत्री मंडल सचिवालय विभाग उर्दू निदेशालय के पत्र संख्या उoनिo-48/2016…36/राo के द्वारा आमिर सुबहानी(अपर मुख्य सचिव)ने दिनांक 8.1.2020 को सभी जिला के जिला पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिया कि राष्ट्र भाषा हिन्दी के साथ-साथ द्वितीय राजभाषा उर्दू में भी संकेत पट्ट,होर्डिंग,निमंत्रण पत्र आदि प्रकाशित करेंगे।

वहीं जिला पदाधिकारी वैशाली ने भी समाहरणालय वैशाली(जिला उर्दू कोषांग) के द्वारा पत्र संख्या 7 दिनांक 20.1.2020 जारी कर जिले के सभी विभागीय अधिकारी को निर्देश दिया कि राष्ट्रभाषा हिन्दी के साथ-साथ द्वितीय राजभाषा उर्दू में होर्डिंग,बैनर,पोस्टर,निमंत्रण पत्र आदि निश्चित रूप से प्रदर्शित कर प्रतिवेदित किया जाए ताकि सरकार को प्रतिवेदित किया जा सके।इसके बावजूद महनार महोत्सव में एक भी जगह उर्दू भाषा का इस्तेमाल नहीं किया गया है। जिससे यह बिल्कुल स्पष्ट होता है कि सरकारी आदेश को चुनौती देते हुए बिहार सरकार के ही कला,संस्कृति एवं युवा विभाग व जिला प्रशासन वैशाली ने जान बुझ कर उर्दू को मिटाने की साजिश की।

इस बात को लेकर उर्दू से मोहब्बत करने वाले उर्दू प्रेमी आबिद हुसैन,मोहम्मद इरसाद अंसारी,जीशान खान,मोहम्मद साबिर,इम्तियाज अहसन,अफजल खान आदि ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गंगा-जमुनी तहजीब की पहचान वैशाली जिला की धरती है और महनार की सरजमीं तो वैशाली ही नहीं पूरी दुनिया में ऐतिहासिक महत्व रखती है जहां आज भी खाकी शाह और गणिनाथ मेला को देखने दूर देश के लोग आते हैं और यह गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है।वहीं उर्दू भाषा यहां के लोगों की पहचान से जुड़ी है।

इसके बावजूद पदाधिकारियों ने उर्दू को नजरअंदाज करते हुए महोत्सव में एक भी कार्यक्रम उर्दू भाषा के विकास के लिए नहीं कराया।यहां तक कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुशायरा,कव्वाली को भी शामिल नहीं किया जबकि लाखों रूपये खर्च किए गए।इन लोगों ने बताया कि सरकारी आदेश के बावजूद उर्दू को महनार महोत्सव से जान बुझ कर अधिकारियों ने मिटाने की जो साजिश की है वह काफी निंदनीय है और यह रवैया उर्दू के साथ भेदभाव को प्रदर्शित करता है।वहीं यह भी बताया कि इस महोत्सव में एक भी मुसलमानों को निमंत्रण नहीं दिया गया जो पदाधिकारियों के भेदभावपूर्ण रवैया को दर्शाता है।इन लोगों ने सरकार से अविलंब ऐसे पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
रिपोर्ट व फोटो मोहम्मद शाहनवाज अता

Nagmani Sharma

Leave a Comment

Recent Posts

सुरक्षित शनिवार” कार्यक्रम उच्च माध्यमिक विद्यालय करिंगा में संपन्न

सारण:उच्च माध्यमिक विद्यालय करिंगा, छपरा सदर में आज "सुरक्षित शनिवार" के तहत जागरूकता कार्यक्रम का…

1 day ago

लकड़ी नवीगंज में प्रेम प्रसंग के शक में युवक की चाकू गोदकर हत्या, गांव में सनसनी

सीवान:जिले के लकड़ी नबीगंज थाना क्षेत्र के बाला गांव में प्रेम प्रसंग के शक में…

1 day ago

जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में खगोल एवं खगोलभौतिकी पर दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

सारण:जय​​प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग, जयप्रकाश विश्वविद्यालय तथा इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड…

1 day ago

हथियार के बल पर अपराधियों आभूषण की दुकान में 20 लाख की लूट की घटना को दिया अंजाम

दहशत फैलाने के लिए फायरिंग करते अपराधी हुए फरार आभूषण दुकान में लूट की घटना…

5 days ago

नाबालिग के हत्या के जुर्म में एक झोलाछाप डॉक्टर को भेजा गया जेल

बसंतपुर(सीवान)जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 22 नवंबर को एक नाबालिग…

6 days ago

हिंदी भोजपुरी के मूर्धन्य साहित्यकार मनोज भावुक को भागवत विद्यापीठ में किया गया सम्मानित

सारण(छपरा)भगवत विद्यापीठ स्कूल में साहित्य सृजन में छात्रों की रुचि को कैसे विकसित किया जाए…

6 days ago