हरियाणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेन्द्रगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। यूनेस्को द्वारा घोषित एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम के अन्तर्गत हकेंवि में मातृभाषा में गायन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों, शोधार्थियों ने हिस्सा लिया और अपनी मातृभाषा में प्रस्तुतियां दी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मातृभाषा के महत्त्व से अवबत कराया और बताया कि किस तरह से यह सामाजिक, सांस्कृतिक व देश के विकास के साथ-साथ मानवीय पहचान को सुरक्षित करने में मददगार है।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड चार में आयोजित इस प्रतियोगिता में कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में मातृभाषाओं के विकास एवं उनका अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया और कहा कि हमें शपथ लेनी चाहिए कि हम अपनी दिनचर्या में कुछ समय मातृभाषा को अवश्य देंगे। कुलपति ने बताया कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय अपने आप में एक मिनी इंडिया को संजोए हुए है। यहाँ देश के विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से आए विद्यार्थी अध्ययनरत है और एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के साथ-साथ मातृभाषा दिवस आदि कार्यक्रमों के माध्यम से ये विद्यार्थी विभिन्न राज्यों की कला, संस्कृति से रूबरू होते हैं। इससे पूर्व विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. राजेश कुमार मलिक ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया और मातृभाषा के विषय में विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन किया।
कार्यक्रम में स्वामी दयानंद सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से देश की विविधतापूर्ण संस्कृति से हम परिचित होते हैं। मातृभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित गायन प्रतियोगिता में कुल 33 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने हिन्दी, राजस्थानी, हरियाणवी, मैथिली, भोजपुरी, मलयालम, उडिया, बांगला व असमी आदि कई भाषाओं में गीत प्रस्तुत करके श्रोताओं का मन मोह लिया। प्रथम पुरस्कार शिक्षा पीठ की छात्रा बनिता राउत के नाम रहा। दूसरे स्थान पर राजनीति विज्ञान विभाग के अनाबेल ग्रेस, तीसरे स्थान पर शिक्षा पीठ की अर्पणा मण्डल रही तथा सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग की निमिषा चौधरी और अंग्रेजी विभाग के हिमांशु बोरा को प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रो. रणवीर सिंह सहित हिन्दी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सिद्धार्थ श्ंाकर राय, शिक्षा पीठ के डॉ. रूबल कलिता व पत्रकारिता व जनसंचार विभाग के सहायक आचार्य अलेख एस. नायक निर्णायक मण्डल के सदस्यों के रूप में उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम के दौरान कुलानुशासक प्रो. राजेश कुमार मलिक, कुलसचिव श्री राम दत्त, शिक्षा पीठ के अधिष्ठाता डॉ. प्रमोद कुमार, अर्थशास्त्र विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. रंजन अनेजा, प्रबंधन अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनन्द शर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, शिक्षणेतर कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
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