चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण:
टेली कन्सलटेन्सी के माध्यम से आसानी से हो सकेगा इलाज:
सहरसा(बिहार)जिले में कैंसर से पीड़ित लोगों का इलाज सदर अस्पताल सहरसा में हो सके इसको लेकर टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान से आये चिकित्सक जिलाधिकारी से मिले। कोशी की राजधानी कहे जाने वाले प्रमण्डलीय शहर सहरसा अन्तगर्त तीन जिलों की कुल आबादी लगभग 70 लाख की है। इतने बड़ी आबादी पर एक कैंसर क्लीनिक का होना जरूरी है। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज काफी महंगा है। ऐसे में यदि एक काॅम्प्रीहेंसिव कैंसर केयर क्लीनिक की स्थापना सदर अस्पताल सहरसा में होती है तो तीनों जिले के लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। इस मौके पर टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान से आये डा. रवि कान्त सहित सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. रविन्द्र मोहन, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रंबंधक विनय रंजन एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
चिकित्सकों एवं नर्सों को किया जाएगा प्रशिक्षित:
टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान से आये चिकित्सक डा. रविकान्त ने बताया सदर अस्पताल सहरसा में काॅम्प्रीहेंसिव कैंसर केयर क्लीनिक की स्थापना की संभावनाएं काफी प्रबल हैं। सहरसा एक प्रमण्डलीय जिला है जिसके अंतर्गत तीन जिले आते हैं। जिनकी कुल आबादी लगभग 70 लाख की है। इस क्षेत्र से बड़ी संख्या में कैंसर से पीड़ित मरीज को अपने इलाज के लिए मुम्बई जाना पड़ता है। ऐसे में इतनी बड़ी आबादी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज की सुविधा स्थानीय स्तर पर दिया जाना आवश्यक है। इसके लिए टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान मुम्बई की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है कि यहां एक कैंसर केयर क्लीनिक की स्थापना की जाय। इसके लिए जिले में कायर्रत चिकित्सकों एवं नर्सों का चयन करते हुए उनको टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान, मुम्बई से प्रशिक्षित किया जाएगा एवं उनके द्वारा कैंसर से पीड़ित मरीजों का इलाज स्थानीय स्तर पर किया जा सकेगा। उन्होंने ने बताया की इस केन्द्र की स्थापना के बाद कोई भी मरीज टेली काउंसिलिंग के माध्यम से अपना इलाज टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल से करवा पायेंगे। चाहे वो किसी भी स्टेज का कैंसर ग्रसित मरीज क्यों न हो। इससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा।
पेन क्लिनिक की भी की जाएगी स्थापना:
टाटा मेमोरियल कैंसर संस्थान से आये चिकित्सक डा. रविकान्त ने बताया यदि सहरसा जिले में काॅम्प्रीहेंसिव कैंसर केयर क्लीनिक की स्थापना हो जाती है तो इसके अंतगर्त पेन क्लीनिक की स्थापना होगी। उन्होंने बताया कैंसर रोग से ग्रसित मरीजों को उनके अंतिम चरण में काफी दर्द झेलना पड़ता है। ऐसे उनको दर्द से मुक्ति देने में सामान्य दर्द निवारक दवायें काम नहीं करतीं हैं। उनके लिए विशेष प्रकार के दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना पड़ता है। इस क्लीनिक के माध्यम से उनको दर्द निवारक दवाओं की सुविधा मिल सकेगी।
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