सिद्धपीठ आमी में विराजती हैं साक्षात मां अंबिका
छपरा:चैत्र नवरात्रि में सारण जिले के प्रसिद्ध सिद्धपीठ आमी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सैकड़ों भक्त नवरात्रि व्रत रखकर नियमित दुर्गा पाठ कर रहे हैं। मां अंबिका को सिद्धिदात्री और मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी माना जाता है।मंदिर के पुजारी और सेवा निवृत्त शिक्षक शिवकुमार तिवारी ऊर्फ भोला बाबा ने बताया कि शरीर अस्वस्थ होने के कारण मंदिर नहीं जा पाते, लेकिन मन मां में ही लगा रहता है। इससे आत्मा को शांति मिलती है।

उन्होंने कहा कि आमी मंदिर में पाठ करने वालों को कलश स्थापित नहीं करना पड़ता, क्योंकि यहां साक्षात मां अंबिका विराजमान हैं।पुजारी गणेश तिवारी ऊर्फ चुनचुन बाबा ने बताया कि घरों में कलश में देवी का आवाहन किया जाता है, लेकिन यहां मां स्वयं विराजती हैं, इसलिए कलश की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने कहा कि अश्विन नवरात्रि की तुलना में चैत्र नवरात्रि में भक्तों की संख्या कम होती है। इसका कारण गर्मी और तपिश है। फिर भी सुबह से ही दर्शनार्थियों और पाठ करने वालों का आना-जाना लगा रहता है।
आमी मंदिर के पुजारी और छपरा आयुर्वेद कॉलेज के प्रोफेसर बिमलेश तिवारी ने कहा कि हर सनातनी को चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में किसी देवी मंदिर का तीर्थाटन जरूर करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और तीर्थधाम की सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है, जो नौ दिनों तक नववर्ष के रूप में मनाया जाता है।
पुजारी लक्ष्मीश्वर तिवारी ने कहा कि जो लोग स्वयं पाठ नहीं कर पाते, वे पाठ करने वालों के पास बैठकर एक दिन भी ध्यानपूर्वक पाठ का श्रवण करें, तो उन्हें भी फल की प्राप्ति होती है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि यदि आमी मां अंबिका के दर्शन को जाएं, तो पाठ करने वालों के पास बैठकर ध्यानपूर्वक पाठ जरूर सुनें।