सारण(बिहार)देश में पुरानी पेंशन लागू कराने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चल रहा है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की बिहार इकाई ने भी सभी जिलों में पाँव पसार लिया है।
एन.एम.ओ.पी.एस. नामक संगठन पुरानी पेंशन की माँग को जन-जन तक पहुंचाने में लगा हुआ है, इसी कड़ी में 16 जनवरी, 2022 को रविवार के दिन 11 बजे पूर्वाह्न में सारण-प्रमण्डल में वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सारण,सीवान एवं गोपालगंज जिला के लगभग सभी सरकारी विभाग में कार्यरत एन.पी.एस के अंतर्गत आने कर्मी शामिल हुए।
एन.एम.ओ.पी.एस, बिहार कार्यकारिणी द्वारा सारण का जिलाध्यक्ष नन्द लाल सिंह महाविद्यालय, जैतपुर-दाउदपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर (हिंदी) डॉ. दिनेश पाल को,सीवान का जिलाध्यक्ष डीएवी पीजी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान) डॉ. पवन कुमार यादव को एवं गोपालगंज का जिलाध्यक्ष गोपेश्वर महाविद्यालय, हथुआ के असिस्टेंट प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान) डॉ संजय कुमार सुमन (राजनीति विज्ञान) को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।
तीनों जिला अध्यक्षों को पंद्रह दिन में जिला कार्यकारिणी का गठन कर प्रदेश कार्यकारिणी को सूचित करने का निर्देश दिया गया। बिहार राज्याध्यक्ष वरुण पाण्डेय ने बैठक को सम्बोधित करते हुए आह्वान किया कि सारण प्रमण्ड के सभी विभागों में कार्यरत सभी एन.पी.एस. आच्छादित कर्मचारियों को अपने संगठन से जोड़ें, ताकि संगठन को मजबूत कर आंदोलन को और तेज किया जाए। गूगल मीट के जरिये आयोजित बैठक का संचालन करते हुए बिहार राज्य के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध प्रसाद ने कहा कि 2004 से हमलोग का पेंशन छीनकर एनपीएस के रूप में झुनझुना पकड़ा दिया गया है लेकिन पिछले चार साल से शुरू हुए आंदोलन का ही असर है कि तमाम राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणा-पत्र में हमलोग की माँग को शामिल करने लगी हैं। डॉ. दिनेश पाल ने कहा कि हमलोग जितना अधिक से अधिक लोगों को एकजुट करके व्यापक आंदोलन करेंगे उतना ही जल्दी राजनीतिक पार्टियों के कान पर जू रेंगेगा।
डॉ. पवन कुमार यादव ने कहा कि बिहार के असिस्टेंट प्रोफेसरों की स्थिति तो और दयनीय है क्योंकि उन्हें अभी तक ना ही एनपीएस से जोड़ा गया है और ना ही ओपीएस से। हमलोग तो एक हिसाब से दोहरी लड़ाई लड़ रहे हैं। डॉ. संजय कुमार सुमन ने बताया कि पुरानी पेंशन को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जब माननीय लोगों को पेंशन मिल सकता है तो हम सरकारी कर्मियों को क्यों नहीं। यदि पेंशन नहीं मिलता है तो 30-40 नौकरी करने के बाद हमलोग बिल्कुल लाचार स्थिति में होंगे। पेंशन बुढ़ापे की लाठी है जिसके सहारे हम चल फिर सकते हैं। बैठक में सीमा कुमारी, प्रियंका कुमारी, तपस्या, डॉ. निर्मल पाण्डेय, डॉ. पुष्पलता हंसिका, प्रदीप प्रसाद, आदित्य तिवारी, सुरेश कुमार, डॉ. हैदर अली, डॉ. रणजीत कुमार, डॉ. तेज प्रताप, सोनू कुमार, राकेश कुमार, बोलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, संजय पाण्डेय, डॉ. रजनीश यादव, शशीतोष कुमार, डॉ. श्री भगवान ठाकुर, डॉ. विशाल भूषण यादव, डॉ. विकास कुमार चौहान, डॉ. ऋषिराज आनंद, डॉ. शैलेश कुमार, मुकेश तिवारी, डॉ. गोपाल कुमार साहनी, हरेश्वर शर्मा, विभवेंद्र कुमार, शम्भूनाथ राय, मृत्युंजय तिवारी, बोलेन्द्र कुमार आगम, अयाज आलम आदि बैठक में उपस्थित रहे।
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